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हिन्दुस्तान जिंक को 1,876 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ

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हिन्दुस्तान जिंक को 1,876 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ

उदयपुर। वर्ष 2017 को वेदान्ता समूह की जस्ता-सीसा एवं चांदी उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी निदेशक मण्डल की बैठक में 30 जून, 2017 को समाप्त पहली तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की।

कम्पनी ने प्रमुख उपलब्धियां गिनाते हुए बताया कि इस बार 2,33,000 टन खनित धातु उत्पादन हुआ जो गत वर्ष की तुलना में 84 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह 115 मैट्रिक टन एकीकृत चांदी उत्पादन भी गत वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है तथा 2,28,000 टन एकीकृत जस्ता-सीसा धातु का उत्पादन गतवर्ष की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक रहा है।

हिन्दुस्तान जिंक के चेयरमैन अग्निवेश अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही की शुरुआत ही मज़बूती के साथ हुई है। उम्मीद है कि कंपनी इस वर्ष नए कीर्तिमान स्थापित करेगी। इस तिमाही में 35,000 टन बिक्री योग्य एकीकृत सीसा धातु का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक है। तिमाही के दौरान 115 मैट्रिक टन एकीकृत बिक्री योग्य चांदी का उत्पादन हुआ जो गतवर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है जो सिन्देसर खुर्द खदान में चांदी की उच्च ग्रेड की प्राप्ति के फलस्वरूप संभव हुआ है।

वित्तीय वर्ष 2018 की पहली तिमाही के दौरान कंपनी ने 4,961 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया जो गतवर्ष की इसी अवधि की तुलना में 79 प्रतिशत अधिक है। राजस्व में वृद्धि लन्दन मेटल एक्सचेंज में सीसा-जस्ता की कीमतों में लगातार वृद्धि के परिणास्वरूप हुई है। वित्तीय वर्ष 2018 की पहली तिमाही में कंपनी ने 1,876 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया है जो गतवर्ष की पहली तिमाही की समान अवधि की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है।

कंपनी की विस्तार परियोजना के तहत खदानों का विकास कार्य गतवर्ष की तुलना में 82 प्रतिशत तथा चैथी तिमाही की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक रहा है। रामपुरा-आगूचा भूमिगत खदान में मैन शाफ्ट परियोजना का कार्य पूर्ण हो गया है जिसे चालू वर्ष की तिमाही में प्रारंभ कर दिया जाएगा।

सिन्देसर खुर्द खदान में मैन शाफ्ट का कार्य पूरा हो गया है जिससे संचालन कार्य की प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। सिन्देसर खुर्द खदान में 1.5 मिलियन टन वार्षिक उत्पादन क्षमता की मिल बनाने का कार्य प्रगति पर है तथा इस वर्ष पूरा कर लिया जाएगा जिससे मिल की कुल उत्पादन क्षमता 5.8 मिलियन टन वार्षिक हो जाएगी।