Home Entertainment Bollywood आज भी शॉट से पहले रातों की नींद उड़ जाती है : अमिताभ बच्चन

आज भी शॉट से पहले रातों की नींद उड़ जाती है : अमिताभ बच्चन

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आज भी शॉट से पहले रातों की नींद उड़ जाती है : अमिताभ बच्चन
i still sleepless nights before a shot : Amitabh Bachchan
i still sleepless nights before a shot : Amitabh Bachchan
i still sleepless nights before a shot : Amitabh Bachchan

मुंबई। फिल्म जगत पर पिछले कई सालों से काबिज और अनेक किरदारों के जरिए दशकों के दिलो दिमाग पर अपनी छाप छोड़ चुके दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा की आज भी उन्हें कोई किरदार चनौतिपूर्ण लग सकता है, लेकिन महानायक का कहना है कि आज भी उनके अंदर का अभिनेता कोई भी शॉट देने से पहले उसी तरह बेचैन हो जाता है जैसे चार दशक पहले होता था। आज भी 73 वर्षीय स्टार बेहतर करने का दबाव और बेचैनी महसूस करते हैं।

बच्चन ने कहा कि हर फिल्म एक कसौटी है, एक परीक्षा है। ‘पिंक’ उनकी आने वाली फिल्म भी उनमें से एक है। आज भी शॉट देने से पहले मुझे रातों को नींद नहीं आती और बेचैनी भी होती है…और मैं ऐसे ही रहना चाहता हूं। जिंदगी में कुछ भी आसानी से नहीं मिलता। निश्चित रूप से सफल फिल्में भी नहीं।

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता ‘पिंक’ में एक वकील का किरदार निभा रहे हैं । फिल्म तीन लड़कियों की कहानी है जो एक उदासीन समाज से अपने हक की लड़ाई लड़ती हैं।

फिल्मों में मुख्य भूमिका से अलग सहायक किरदार निभाना उनके लिए कितना मुश्किल था, इस सवाल पर बच्चन ने कहा कि इस बारे में उनका नजरिया अलग है।

बिग बी ने कहा कि यह आपके सोचने का अंदाज है जिसे समझने की जरूरत है। हर कलाकार की इसको लेकर अपनी एक धारणा होती है। मुझे काम करना है और मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे काम करने का मौका मिल रहा है।

अमिताभ ने अपनी फिल्म ‘पिंक’ के बारे में कहा कि वह फिल्म करने के लिए तुरंत तैयार हो गए थे क्योंकि वे इस कोर्टरूम थ्रिलर का हिस्सा बनने के लिए काफी उत्सुक थे। पिंक शुक्रवार को बड़े पर्दे पर रिलीज हुई। इस साल ‘वजीर’ और ‘टीईएन’ तीन के बाद ‘पिंक’ बिग बी की तीसरी फिल्म है।

बंगाली ड्रामा फिल्मों के मशहूर निर्देशक अनिरूद्ध राय चौधरी इस फिल्म के जरिए बालीवुड में बतौर निर्देशक अपना पहला कदम रख हैं। इसमें बिग बी के अलावा तापसी पन्नू, कृति कुल्हारी, अंद्रीया तारियंग और अंगद बेदी भी है।

अभिनेता ने कहा कि उनके लिए फिल्म में वकील का किरदार निभाना कठिन नहीं रहा क्योंकि शूजित सरकार और उनकी टीम ने फिल्म की पटकथा पर गहन रिसर्च की थी।

उन्होंने कहा कि शूजित और उनकी टीम ने पटकथा और संवादों पर काम करने से पहले गहन रिसर्च की थी। सच्ची घटनाओं, वकीलों, अदालती कार्यवाही और नियम कानून संबंधी सभी जरूरी चीजों का अध्ययन किया गया था और सलाहकार की हैसियत से एक वकील हमेशा सेट पर मौजूद रहता था।

फिल्म की कहानी के संबंध में बच्चन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक ऐसा समय आएगा जब महिलाएं ऐसे मामलों को लेकर आशंकित महसूस नहीं करेंगी।

हाल ही में अमिताभ ने इसी विषय पर अपनी नातिन नव्या और पोती आराध्या के नाम एक खुला पत्र भी लिखा था जिसकी कई लोगों ने सराहना की तो वहीं कई ने आरोप लगाया कि यह महज फिल्म के प्रचार का हिस्सा है।

इस पर अमिताभ ने कहा कि उन्हें लगा था कि फिल्म की कहानी उजागर किए बिना, वह पत्र के जरिए फिल्म की भावनाओं को व्यक्त कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि पत्र को मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया हमें मजबूती देती है। वहीं पत्र को लेकर नकारात्मक प्रतिक्रिया भी आई हैं और मैं इसपर बहस और बातचीत करने को तैयार हूं। कोई भी परफेक्ट नहीं होता, न ही लेखक और न ही पाठक।