Home Business खराब उत्पाद का प्रचार नहीं करुंगी : प्रियंका चोपड़ा

खराब उत्पाद का प्रचार नहीं करुंगी : प्रियंका चोपड़ा

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खराब उत्पाद का प्रचार नहीं करुंगी : प्रियंका चोपड़ा
If I come to know that the product is bad, definitely I won't do it : Priyanka Chopra
If I come to know that the product is bad, definitely I won't do it : Priyanka Chopra
If I come to know that the product is bad, definitely I won’t do it : Priyanka Chopra

भोपाल। इन दिनों देश में फिल्म स्टारों द्वारा मैगी सहित स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों का विज्ञापन किए जाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें पता चलता है कि अमुक उत्पाद गलत (हानिकारक) है तो वह उसका विज्ञापन नहीं करेंगी।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ के सदभावना दूत के तौर पर संवाददाता सम्मेलन में चोपड़ा ने कहा कि किसी भी गलत उत्पाद का लोगों द्वारा इस्तेमाल करना और उसके लिए विज्ञापन करने वाली सेलीब्रिटी को जिम्मेदार ठहराने को वे उचित नहीं मानती हैं।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए चोपड़ा ने कहा कि उनके घर में तो प्रयोगशाला है नहीं, संबंधित कंपनी वैधानिक दस्तावेज दिखाती है और उसी के आधार पर कलाकार विज्ञापन कर देता है। यह तो कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह उत्पाद सही बनाए। साथ ही उन्होंने साफ कर दिया कि अगर उन्हें किसी उत्पाद के गलत होने का पता चलेगा तो वे उस उत्पाद का विज्ञापन नहीं करेंगी।

ज्ञात हो कि मैगी में सीसा की मात्रा ज्यादा पाए जाने का खुलासा होने के बाद इसका विज्ञापन करने वाले अभिनेता अमिताभ बच्चन सहित माधुरी दीक्षित और प्रीति जिंटा की पूरे देश में जमकर न केवल आलोचना हुई थी बल्कि उन्हें नोटिस तक भेजा गया।

एनिमिया की समस्या पर चिंता जताई

If I come to know that the product is bad, definitely I won't do it : Priyanka Chopra
If I come to know that the product is bad, definitely I won’t do it : Priyanka Chopra

चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में किशोरावस्था में बढ़ती एनिमिया (खून की कमी) की समस्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अच्छी सेहत के लिए संतुलित खाना आवश्यक है, भोजन ऐसा हो जिसमें सारे तत्व मौजूद हों।

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें फिल्मों के किरदार के मुताबिक शरीर का शेप मेंटेन करना होता है, फिल्म ‘मेरी कॉम’ हो या ‘गंगाजल-दो’ के अनुसार अपने शरीर को बनाया मगर ऐसा नहीं हुआ कि उन्होंने खाना बंद कर दिया हो। शरीर की जरूरत को ध्यान में रखकर खाना जारी रखा।

उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत सबसे युवा देश है, यहां की 60 प्रतिशत आबादी युवा है, वे जब किसी दूसरे देश में होती हैं तो उनसे सवाल किए जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि देश का युवा अपनी पूरी क्षमता (पोटेंशियलिटी) दिखाए। तभी हम आगे बढ़ेंगे और विकास कर सकेंगे, मगर इन युवाओं की आबादी का एक बड़ा हिस्सा एनिमिया (खून की कमी) से पीडि़त है। उसकी लंबाई नहीं रही, उसका विकास नहीं हो रहा, खाने पर ध्यान नहीं है, बच्चे चिप्स खा लेेते हैं।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रियंका ने कहा कि यूनिसेफ और भारत सरकार ने किशोरों में एनिमिया की समस्या को दूर करने के लिए अभियान चलाया है, आयरन की गोली और फॉलिक एसिड दिया जा रहा है। इसे लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होना चाहिए, यह दवाएं मुफ्त में दी जा रही है।

उन्होंने समाज के पढ़े लिखे तबके से अपील की है कि वे स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागृति लाने के लिए आगे आएं। अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि आठ वर्ष पूर्व उन्होंने मुम्बई की झोपड़पट्टी में 25 किशोरियों के बीच दीपशिखा कार्यक्रम शुरू किया था आज उससे 40 हजार किशोरियां जुड़ गई हैं। यूनिसेफ जैसी संस्थाएं किशोरों के लिए काम कर रही हैं, इसके लिए पढ़े लिखे तबके को भी आगे आना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया को लेकर पूछे गए सवाल पर चोपड़ा ने कहा कि वे हमेशा तकनीक को पसंद करती है। दुनिया डिजिटल हो रही है, हमारा देश डिजिटल हो यह अच्छी बात है और प्रगति की ओर बढ़े जिस ओर दुनिया बढ़ रही है। मगर हमारा देश विविधताओं वाला देश है, जहां हर 100 किलोमीटर पर भाषा, रहन-सहन और पहनावा बदल जाता है। गवर्न करने के हिसाब से मुश्किल देश है।