Home Gujarat चखली में अवैध गुड़ उत्पादन, कोल्हू से गन्ने की पिराई

चखली में अवैध गुड़ उत्पादन, कोल्हू से गन्ने की पिराई

0

illegal small sugar factory in navsari tribal area

नवसारी। जिले के आदिवासी क्षेत्र चिखली तहसील में गन्ने की फसल तैयार होते ही गुड़ बनाने के लिए कोल्हू (छोटे कारखाने) शुरू हो जाते हैं।

कारखानों के संचालक मनचाहे दाम पर तहसील के किसानों से गन्ने की खरीदी करते हैं। जबकि चिखली तहसील पंचायत के अधिकारी अवैध रूप से चलने वाले कोल्हू (गुड़ कारखानों) का सर्वे कर रिपोर्ट जिला पंचायत को सौंप देते हैं। वहीं गरीब आदिवासी किसानों को चीनी मिल गन्ना नहीं खरीदने से कोल्हू (गुड कारखाना) संचालकों के हाथों बेचने पर मजबूर है। किसानों को मजबूरी में गन्ने की फसल 50 फीसदी कम दाम पर बेचना पड़ता है।
चिखली तहसील के 52 गांवों में सर्दी की शुरुआत होते ही बड़ी संख्या में कोल्हू (गुड़ कारखाना) शुरू हो जाते हैं। चिखली में इस वर्ष 43 कोल्हू (गुड़ कारखाना) अवैध रूप चल रहे हैं। कोल्हू संचालक संचालक तहसील के  किसानों के खेतों में कोल्हू (कारखाना) के माध्यम से गुड़ की पिराई करते हैं। इसके लिए जरूरी फूड एंड ड्रग्स विभाग का लाइसेंस व कृषि भूमि पर कोल्हू संचालन के लिए स्वीकृति नहीं लेते हैं।
चिखली के किसान खेतों में गन्ने की फसल तैयार कर पास के चीनी मिलों में बेचने की उम्मीद करते हैं। लेकिन गणदेवी और वलसाड चीनी मिल चिखली के किसानों को उनके क्षेत्र में कावेरी चीनी मिल का हवाला देकर गन्ना खरीदने से मना कर देते हैं। जिसके कारण चिखली के किसानों को मजबूरी में कोल्हू (गुड़ कारखान) संचालकों के हाथों ५० फीसदी कम दाम पर बेचना पड़ता है।
किसानों की समस्या को लेकर प्रशासन भी लापरवाह है। चिखली तहसील पंचायत के अधिकारी सिर्फ कृषि भूमि का सर्वे कर कोल्हू (गुड़ कारखाना) अवैध होने का रिपोर्ट जिला पंचायत को सौंप देते हैं। वहीं जिला पंचायत अधिकारी की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
चीनी मिल गन्ना नहीं खरीदती है जिसके कारण हमें मजबूरी में कोल्हू संचालक को 50 फीसदी कम दाम में बेचना पड़ता है। सरकार को चाहिए की क्षेत्र में कोल्हू संचालकों पर अंकुश लगाएं।
दिनकर पटेल, किसान, खांभडा गांव, चिखली

मैं तीन एकड़ में गन्ने की फसल करता हूं। 1985 में कावेरी शुगर मिल शुरू होनी थी, लेकिन आज तक शुगर मिल शुरू नहीं हो पाई है। सरकार आदिवासियों के विकास की बात करती है, लेकिन कोल्हू संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है।
नीछा पटेल, किसान, सादकपोर, चिखली

सर्कल अधिकारी ने कोल्हू (गुड़ कारखाना) का सर्वे कर 43 कोल्हूओं को अवैध रूप से संचालित होने का रिपोर्ट जिला पंचायत को भेजा गया है। हमें कोल्हू संचालकों पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है। जिला पंचायत कारोबारी समिति ही इस मामले में निर्णय के लिए अधिकृत है।
बी.एच. गढवी, तहसील विकास अधिकारी, चिखली

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here