Home Karnataka Bengaluru कर्नाटक के मंत्री, रिश्तेदारों के परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी

कर्नाटक के मंत्री, रिश्तेदारों के परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी

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कर्नाटक के मंत्री, रिश्तेदारों के परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी
Income Tax raids on Karnataka minister DK Shivakumar premises continues
Income Tax raids on Karnataka minister DK Shivakumar premises continues
Income Tax raids on Karnataka minister DK Shivakumar premises continues

बेंगलुरू। कर्नाटक के बिजली मंत्री डी.के. शिवकुमार, उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के नई दिल्ली, उनके निर्वाचन क्षेत्र कनकपुरा और राज्य में मैसूर स्थित परिसरों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी है।

एक आईटी अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर गुरुवार को बताया कि हमारी टीमें शहर में, कनकपुरा, मैसूर और नई दिल्ली स्थित कई स्थानों पर छापेमारी कर रही हैं। वे छापेमारी में जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच और मंत्री, उनके रिश्तेदारों और व्यापारिक सहयोगियों से उनके परिसरों में मिली नकदी और संपत्ति के स्रोतों को लेकर पूछताछ कर रही है।

आयकर विभाग की छापेमारी के चलते मंत्री के आवासों, शहर और बेंगलुरू ग्रामीण जिला में रामनगर में उनके छोटे भाई डी.के. सुरेश और मैसूर में थिमैया में मंत्री के ससुर के आवासों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।

आयकर विभाग के 100 से भी अधिक अधिकारियों ने बुधवार को राज्य, दिल्ली और चेन्नई में करीब 60 स्थानों पर छापेमारी शुरू कर दी थी। छापेमारी में कई दस्तावेज और 10 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है।

बेंगलुरू से 30 किलोमीटर दूर बिदादी में ईगल्टन गोल्फ रिसॉर्ट पर भी छापेमारी की गई थी, जहां 29 जुलाई से गुजरात के 44 विधायक ठहरे हुए हैं।

संबंधित घटनाक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने शिवकुमार पर छापेमारी को लेकर कुछ वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों और सत्तारूढ़ पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. परमेश्वर से शहर में अपने आधिकारिक आवास पर चर्चा की।

एक अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की कार्यसूची में आज के लिए किसी आधिकारिक कार्य की रूपरेखा नहीं है क्योंकि वह अपने आवास पर मंत्रियों, अधिकारियों और पार्टी नेताओं के साथ बैठकों में व्यस्त हैं।

सिद्दारमैया ने ट्वीट किया कि आईटी विभाग का राजनीतिक बदले की भावना के तौर पर हथियार की तरह इस्तेमाल करना सत्ता का नाजायज दुरुपयोग ही नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और सहकारी संघवाद के भी खिलाफ है।