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शराब के ठेके में सिरोही प्रशासन की दिखी ऐसी अमानवीयता

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शराब के ठेके में सिरोही प्रशासन की दिखी ऐसी अमानवीयता
relatives of applicant outside the police line community center
relatives and freinds of applicant outside the police line community center

सबगुरु न्यूज-सिरोही। धार्मिक और सामजिक मूल्यों में कथित विश्वास वाली पार्टी की राज्य सरकार के प्रशासनिक लवाजमे की अमानवीय रवैया सिरोही में सोमवार को दिखा। करोडों रुपये वसूल करके जिस सरकार ने शराब के ठेकों की पंजीयन राशि जमा की उन्हीं आवेदकों के साथ आने वाले लोगों के लिए एक पानी के टेंकर तक की व्यवस्था नहीं की।

पुलिस लाइन के सामने से निकल रही पैलेस की ओर जाने वाली सडक पर खडे आवेदकों के साथ आए लोग आस-पास की काॅलोनियों में लोगों के घरों में जाकर पानी मांग कर पी रहे हैं और जिला प्रशासन को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं। वैसे प्रशासनिक अधिकारी हो या आम आदमी, प्यासे को पानी पिलाने को सबसे बडा पुण्य मानते हैं।लेकिन सिरोही में तामसिक शराब के ठेके दौरान सडक पर खडे लोगों के लिए पानी तक की व्यवस्था नहीं करना प्रशासनिक असंवेदनहीनता और विकृति ही कही जाएगी।
करोडों रुपये वसूलकर ऐंठे हुए जिले के प्रशासनिक अधिकारी पुलिस सामुदायिक भवन में नाश्ता, कोल्ड ड्रिंक और मिनरल वाटर उडा रहे हैं वहीं परिसर के बाहर आवेदकों के साथ आने वाले लोग एक बूंद पानी को तरस रहे थे। इनमें जवानों के साथ कुछ बुजुर्ग भी थे। इस बार पुलिस लाइन परिसर में सिर्फ आवेदकों को ही जाने दिया गया।

दूर दराज गांवों और राज्यों से आए उनके सहयोगियों को सडक पर ही रखा गया। लाॅटरी स्थल से करीब पांच सौ मीटर से ज्यादा दूरी तक कोई दुकान तक नहीं थी, जिससे चिलचिलाती धूप में प्यास बुझाने के लिए आवेदकों के साथ आए लोग अपनी प्यास बुझा सके। वैसे परिसर के अंदर मैदान में पानी और नाश्ते की पेड व्यवस्था की गई है, लेकिन बाहर पानी का एक टेंकर तक नहीं रखवाया गया।
-दानदाता को ही कह देते तो रखवा देता टैंकर
प्रशासन नेताओं के साथ-साथ जनता के प्रति भी संवेदनहीन ही लगा। ताज्जुब की बात तो यह है कि लाॅटरी स्थल पर जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा सिरोही के उपखण्ड अधिकारी जैसे सिरोही के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी बैठे हुए थे।

उन्हें यहां आने वाले लोगों के लिए सबसे जरूरी पानी की व्यवस्था करने की भी नहीं सूझी। यह लोग किसी बडे शराब ठेकेदार या नगर परिषद को भी कह देते तो कम से कम पीने का पानी का टेंकर तो वो पुलिस लाइन मार्ग पर खडा कर ही देते।

वैसे पुलिस लाइन के मंदिर के सामने एक वाटर एटीएम लगा हुआ है, जिसमें एक रुपये का सिक्का डालकर पानी पिया जा सकता है, लेकिन इसकी जानकारी देने के लिए भी वहां न तो कई बोर्ड लगाया गया था और न कोई सूचना प्रसारित की जा रही थी।