Home Headlines अपहर्ताओं ने मुझे नुकसान नहीं पहुंचाया, मेरी रिहाई चमत्कार

अपहर्ताओं ने मुझे नुकसान नहीं पहुंचाया, मेरी रिहाई चमत्कार

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अपहर्ताओं ने मुझे नुकसान नहीं पहुंचाया, मेरी रिहाई चमत्कार
IS abductors did not harm me, my release a miracle says ranjan samal
IS abductors did not harm me, my release a miracle says ranjan samal
IS abductors did not harm me, my release a miracle says ranjan samal

भुवनेश्वर। संघर्ष प्रभावित लीबिया में अपहर्ताओं के चंगुल से छूटे प्रवास रंजन सामल ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवादियों ने उन्हें प्रताडि़त नहीं किया लेकिन वह हर पल आतंकित रहे और उन्हें अपनी रिहाई चमत्कार से कम नहीं लगती।

विदेश मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे सामल ने कहा कि अपहर्ताओं को आईएसआईएस का सदस्य समझकर हम आतंकित थे। प्रत्येक क्षण अनिश्चितता भरा था।

उन्होंने कहा कि अब मैं ठीक हूं। लेकिन जब उन्होंने हमारा अपहरण किया था तो मेरे दिमाग में कई नकारात्मक बातें चल रहीं थीं। मैंने आईएस की क्रूरता के बारे में काफी कुछ सुना था। फिर भी मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी।

लीबिया के सिरते में 2002 से एक अस्पताल में बायोमेडिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे सामल ने कहा कि 2011 से हम हर दिन कठिनाई महसूस कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों के तौर पर हमने खुद को सामाजिक कार्यकर्ता समझा।

हमें ऐसा नहीं लगा था कि किसी आतंकवादी संगठन के निशाने पर स्वास्थ्यकर्मी हो सकते हैं। लेकिन एक रात कुछ समूह आये और हमारे घरों पर छापे मारकर हमसे साथ में चलने को कहा।

केंद्रपाड़ा जिले के रहने वाले सामल आतंकवादी संगठन द्वारा अगवा दो भारतीयों में शामिल थे। हालांकि सामल को 10वें दिन कुछ प्रभावशाली स्थानीय लोगों की मदद से छुड़ाया गया। उन्होंने बताया कि वहां से मैं त्रिपोली पहुंचा और भारतीय दूतावास गया। दूतावास के अधिकारियों ने मुझे घर जैसा एहसास कराने के सारे बंदोबस्त किये और मुझे दिल्ली वापस भेजा।

सामल ने कहा कि मैं अपनी सुरक्षित रिहाई के लिए भारत सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अथक प्रयासों के लिए उनका आभार व्यक्त करता हूं।

भावुक दिख रहे सामल ने कहा कि क्या कोई सोच सकता है कि अजीत डोभाल जैसे बड़े आदमी खड़े होकर परिवार के सदस्य की तरह मुझे गले लगाएंगे। मैंने एक भारतीय की रिहाई पर उनके चेहरे पर खुशी देखी। यही भारत है जहां देशवासियों के प्रति स्नेह है।