Home Breaking ईरान की संसद व खोमैनी के मकबरे पर हमला, 10 की मौत

ईरान की संसद व खोमैनी के मकबरे पर हमला, 10 की मौत

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ईरान की संसद व खोमैनी के मकबरे पर हमला, 10 की मौत
IS strike iran's capital : 7 die in attacks on Parliament and Khomeini's Tomb
IS strike iran's capital : 7 die in attacks on Parliament and Khomeini's Tomb
IS strike iran’s capital : 10 die in attacks on Parliament and Khomeini’s Tomb

तेहरान। ईरानी संसद भवन और देश के पूर्व सर्वोच्च धार्मिक नेता अयातुल्लाह खुमैनी के मकबरे पर बुधवार को हुए हमलों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई।

ईरान में यह पहला आतंकवादी हमला है, जिसकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। मीडिया रपट के मुताबिक, सुन्नी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने शिया बहुल देश में हुए दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है। ईरानी अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने तीसरे हमले को नाकाम कर दिया।

बीबीसी की एक रपट के मुताबिक यह स्पष्ट नहीं है कि हमले में जिन 12 लोगों की मौत हुई है, उनमें हमलावरों की संख्या शामिल है या नहीं या यह आंकड़ा दोनों ही हमलों में मारे गए लोगों का है या केवल संसद पर हमले के दौरान मारे गए लोगों का। आपात सेवा प्रमुख पीर हुसैन कोलिवांद के मुताबिक हमले में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, संसद सत्र के दौरान चार बंदूकधारी अंदर घुसे और सुरक्षाकर्मियों एवं आगंतुकों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। ईरानी मीडिया के मुताबिक सभी चारों हमलावरों को मार गिराया गया, लेकिन तब तक क्षति हो चुकी थी।

अधिकारियों ने संसद में बंधक संकट से इनकार किया है, क्योंकि सैंकड़ों सुरक्षाकर्मियों ने इमारत को चारों ओर से घेर रखा है। अध्यक्ष अली लारिजानी ने घटना को कमतर आंकते हुए उसे मामूली घटना करार दिया। लेकिन एक सांसद ने स्वीकार किया कि यह भीषण हमला था।

संसद भवन पर हुए हमले के कुछ देर बाद ही अयातुल्लाह खुमैनी के मकबरे पर भी हमला हुआ, जिसमें कई लोग घायल हो गए।

घटनास्थल की तस्वीरों में मारे गए एक हमलावार के पास से बरामद ग्रेनेड तथा मैग्जीन नजर आ रही है। फिदायीन हमलावर एक महिला थी।

बीबीसी की रपट के मुताबिक खुमैनी के नेतृत्व में सन् 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से लेकर अब तक तेहरान में यह आतंकवाद की सबसे वीभत्स घटना है।

इस्लामिक स्टेट का ईरान में कोई आधार नहीं है, लेकिन देश में सुन्नी अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए उसने अपने फारसी भाषा दुष्प्रचार को तेज कर दिया है।