Home Headlines जम्मू कश्मीर में आजादी के बाद 7वीं बार लगा राज्यपाल शासन

जम्मू कश्मीर में आजादी के बाद 7वीं बार लगा राज्यपाल शासन

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जम्मू कश्मीर में आजादी के बाद 7वीं बार लगा राज्यपाल शासन
Jammu and Kashmir sees 7th Governor's rule since independence, mufti Mohammad Sayeed important player in all
Jammu and Kashmir sees 7th Governor's rule since independence, mufti Mohammad Sayeed important player in all
Jammu and Kashmir sees 7th Governor’s rule since independence, mufti Mohammad Sayeed important player in all

जम्मू। जम्मू कश्मीर में आजादी के बाद से सातवीं बार राज्यपाल शासन लगा है जबकि इसमें मुख्य बात यह है कि इन सभी अवसरों में से 6 बार राज्यपाल शासन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मुफ्ती मोहम्मद सईद किसी न किसी तरह से महत्वपूर्ण भूमिका में रहे है।

पिछले दिनों सईद का निधन हुआ जिसके बाद राज्य में सातवीं बार राज्यपाल शासन लगा क्योंकि सहयोगी दलों भाजपा और पीडीपी ने चार दिनों की शोक की अवधि के दौरान सरकार बनाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

पीडीपी के संरक्षक सईद का बीते गुरुवार को दिल्ली स्थित एम्स में निधन हो गया था। जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुच्छेद 92 को लागू करते हुए राज्यपाल एनएन वोहरा ने शनिवार को राज्यपाल शासन लगा दिया जो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की संतुति के बाद आठ जनवरी से प्रभावी रहेगा।

जम्मू-कश्मीर में 26 मार्च 1977 को पहली बार राष्ट्रपति शासन लगा था। उस वक्त मुफ्ती मोहम्मद सईद की अध्यक्षता वाली प्रदेश कांग्रेस इकाई ने शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ 1975 में हुए समझौते के तहत शेख अब्दुल्ला की सरकार बनी थी। पहली बार राज्य में राज्यपाल शासन 105 दिनों तक रहा और यह नैशनल कांफ्रैंस की सत्ता में वापसी के साथ खत्म हुआ। दूसरी बार छह मार्च 1986 को तत्कालीन राज्यपाल जगमोहन ने 246 दिनों के लिए दूसरी बार राज्यपाल शासन लगाया था।

दरअसल साल 1984 में शेख मोहम्मद अब्दुल्ला के दामाद गुलाम मोहम्मद शाह ने कांग्रेस के 26 विधायकों और नेकां के 12 बागियों की मदद से डॉ. फारूक अव्दुल्ला की सरकार गिरा दी थी। लेकिन 1986 में कांग्रेस ने शाह से समर्थन वापस ले लिया जिसकी वजह से राज्यपाल शासन लगाया गया।

छह माह के बाद संवैधानिक व्यवस्थाओं के अनुसार राष्ट्रपति शासन लगा था जो सात नवंबर तक लागू रहा। उस वक्त भी मुफ्ती प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। तीसरी बार राज्य में आतंकवाद का दौर शुरू होने के कारण 19 जनवरी 1990 को लगा राज्यपाल शासन सबसे लंबी अवधि का था। यह छह साल 264 दिनों तक रहा।

डॉ. फारूक अब्दुल्ला नीत सरकार ने जगमोहन को राज्यपाल बनाए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। जगमोहन की ओर से लगाया गया राज्यपान शासन नौ अक्टूबर 1996 तक लागू रहा।

Jammu and Kashmir sees 7th Governor's rule since independence, mufti Mohammad Sayeed important player in all
Jammu and Kashmir sees 7th Governor’s rule since independence, mufti Mohammad Sayeed important player in all

चौथी बार वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में खंडित जनादेश आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने से इंकार करने के बाद चौथी बार 15 दिनों के लिए राज्यपाल शासन लगाया गया। तत्कालीन राज्यपाल जी.सी सक्सेना ने 18 अक्तूबर से दो नवंबर 2002 तक राज्यपाल शासन लगाया था।

इसके बाद कांग्रेस और पीडीपी ने 15 दिनों में गठबंधन सरकार का गठन किया था और मुफ्ती उस समय पी.डी.पी के संरक्षक थे। यह शासन 15 दिन चला। पांचवी बार अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर मुफ्ती ने 28 जून 2008 को आजाद नीत सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।

आजाद ने विधानसभा में विश्वास मत का सामना किए बगैर ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। आजाद नीत गठबंधन सरकार गिरने के बाद तत्कालीन राज्यपाल एन.एन वोहरा ने 11 जुलाई 2008 से पांच जनवरी 2009 तक राज्यपाल शासन लगाया था। इसकी अवधि 178 दिनों की थी।

छठी बार वर्ष 2015 में 9 जनवरी से 1 मार्च तक 52 लिए राज्यपाल शासन लागू हुआ था। इसकी वजह थी कार्यकारी मुख्यमंत्री के रुप में उमर अब्दुल्ला का त्यागपत्र। चुनावों के बाद गठजोड़ में समय लग रहा था। उमर ने कार्यकारी सी.एम के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।

उस दौरान राज्यपाल शासन लागू हो गया था। जैसे ही पीडीपी-भाजपा का गठबंधन हुआ तो मुफ्ती को सी.एम की कुर्सी मिली थी। अब सातवीं बार भी जो राज्यपाल शासन लगा है वह भी मुफ्ती मोहम्मद सईद के अचानक निधन होने के कारण ही राज्य में लगाना पड़ा।