Home Bihar भाजपा के साथ ज्यादा सहज था जद (यू) : केसी त्यागी

भाजपा के साथ ज्यादा सहज था जद (यू) : केसी त्यागी

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भाजपा के साथ ज्यादा सहज था जद (यू) : केसी त्यागी
JDU was more comfortable with BJP says KC Tyagi
JDU was more comfortable with BJP says KC Tyagi
JDU was more comfortable with BJP says KC Tyagi

पटना। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन में उठा बवंडर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को महागठबंधन के घटक जनता दल (युनाइटेड) का दर्द भी छलकने लगा।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता को लगता है कि जद (यू) का भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन ही ज्यादा सहज था। जद (यू) के वरिष्ठ महासचिव केसी त्यागी ने स्पष्ट कहा कि भाजपा के साथ ‘आइडियोलॉजिकल प्रॉब्लम’ (वैचारिक समस्या) थी, लेकिन वे ज्यादा सहज थे।

त्यागी ने कहा कि जद (यू) का भाजपा के साथ गठबंधन सहज था। वैचारिक समस्या जरूर थी, लेकिन काम करने में कोई समस्या नहीं थी।

जद (यू) सांसद ने महागठबंधन में बनी ‘गांठ’ पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हम बिहार में महागठबंधन पांच साल चलाना चाहते थे। लेकिन ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे, जिसमें किसी पार्टी के आला नेताओं के ही खिलाफ बात कही जा रही हो।

उन्होंने कहा कि पार्टी कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद के गैरदोस्ताना बयान से सहज नहीं है।
त्यागी ने कहा कि महागठबंधन हमने केवल बिहार में किया है, यह कांग्रेस को याद रखना चाहिए। कांग्रेस नीतीश कुमार का चरित्र हनन करने में लगी हुई है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस महासचिव आजाद ने दो दिन पहले राष्ट्रपति पद की विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार की दावेदारी को पुख्ता बताते हुए कहा था कि बिहार की बेटी को नीतीश कुमार हराने का काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने राज्य के दलित की बेटी को हराने का पहले ही ऐलान कर दिया है।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में जद (यू) बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद का समर्थन कर रहा है, जबकि राजद और कांग्रेस मीरा कुमार के समर्थन में है। कांग्रेस सहित 17 विपक्षी पार्टियां इस चुनाव को ‘विचारधारा की लड़ाई’ के रूप में लड़कर एकजुटता दिखाना चाहती हैं।

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार अपना प्रचार अभियान 30 जून को गुजरात के साबरमती आश्रम से करने जा रही हैं, जहां महात्मा गांधी रहा करते थे। कांग्रेस राष्ट्रपिता की हत्या के लिए उस विचारधारा को जिम्मेदार मानती है, जो विचारधारा कोविंद की है। वह इस्लाम और ईसाई धर्म को बाहरी देश का धर्म मानते हैं, यह बात वह अपने एक बयान में कह चुके हैं।