Home Career आईआईटी-जेईई (एडवांस) की काउंसलिंग व दाखिले से रोक हटी

आईआईटी-जेईई (एडवांस) की काउंसलिंग व दाखिले से रोक हटी

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आईआईटी-जेईई (एडवांस) की काउंसलिंग व दाखिले से रोक हटी
JEE Advance 2017 : supreme court lifts stay : IIT, NIT admission given green signal
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नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को आईआईटी व जेईई (एडवांस) प्रवेश परीक्षा से जुड़े दूसरे संस्थानों की काउंसलिंग व दाखिले से अपनी रोक हटा ली। न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने रोक को हटाते हुए कहा कि कोई भी उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर किसी याचिका पर विचार नहीं करेगा।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हम 7 जुलाई को पारित किए गए अपने आदेश को हटाने के इच्छुक हैं और यह भी बताते हैं कि हम काउंसलिंग व दाखिला प्रक्रिया में दखल देने के इच्छुक नहीं हैं। उच्च न्यायालयों को इसी के अनुसार काम करना चाहिए और दाखिला प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा किप्रश्नों को तैयार करने व प्रश्न पत्रों की छपाई में गलतियां नहीं होनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने 7 जुलाई को आईआईटी के प्रवेश परीक्षा के तहत जेईई-एडवांस की काउंसलिंग व दाखिले पर पूरे देश में रोक लगा दी थी।

आईआईटी-जेईई (एडवांस)2017 में कुल 1.56 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और 33,307 छात्र पहले ही आईआईटी, एनआईटी व भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थानों व सरकार वित्त पोषित तकनीकी संस्थानों (जीएफटीआई) में दाखिला ले चुके हैं।

अदालत को सूचित किया गया कि अब तक 10,987 छात्रों को दाखिला दिया गया है और सामान्य श्रेणी की सिर्फ 31 सीटें बची हैं।

अदालत ने 2005 के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह की जटिल परीक्षा में नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश देना उचित नहीं होगा। साल 2005 के फैसले में अदालत ने नए सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दिया था। अदालत ने उल्लेख किया कि 2005 के मामले में 10,000 छात्र शामिल थे।

कई छात्रों ने दो प्रश्नों में प्रिंटिंग की गड़बड़ी को लेकर सात अंक सभी उम्मीदवारों को दिए जाने को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष याचिकाएं दायर की थीं। इसमें एक प्रश्न रसायन विज्ञान व दूसरा गणित का था। यह गड़बड़ी हिंदी संस्करण के प्रश्नपत्र में हुई थी।