Home Rajasthan Udaipur कबीर पंथ संत समागम समारोह एक नवम्बर से उदयपुर में

कबीर पंथ संत समागम समारोह एक नवम्बर से उदयपुर में

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कबीर पंथ संत समागम समारोह एक नवम्बर से उदयपुर में

-वंशावली पंच शताब्दी महोत्सव के तहत हो रहा आयोजन

-तीन दिन तक उदयपुर में रहेंगे कबीर पंथ प्रमुख

सबगुरु न्युजउदयपुर। राजस्थान के उदयपुर में सद्गुरु कबीर मंडल उदयपुर एवं कबीर पंथ समाज राजस्थान के संयुक्त तत्वावधान में एक नवम्बर से तीन नवम्बर तक संत कबीर धर्मदास साहेब वंशावली पंच शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत संत समागम समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में गुरु गद्दी की स्थापना के पांच सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में प्रतापाचार्य पंथ प्रमुख प्रकाश मुनि नाम साहब के सान्निध्य में महायज्ञ एकोत्तरी चैका आरती का आयोजन किया जाएगा।
इस समारोह में स्वयं आचार्यश्री के मुखारविंद से मानवोपयोगी जीवन धर्म से संचित सदगुरु कबीर साहेब की अनमोल वाणी का संदेश दिया जाएगा। कार्यक्रम में भजनों के माध्यम से आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा ताकि यहां पर आने वाले लोगों के जीवन में बदलाव आ सके ओर धर्म के प्रति सभी की आस्था बढ़ सके।
समारोह के बारे में सदगुरु कबीर मंडल उदयपुर राजस्थान के महंत पर्वत दास ने बताया कि इस कार्यक्रम में न केवल छात्र-छात्राएं एवं स्थानीय गणमान्य लोग, अपितु सम्पूर्ण भारत वर्ष के सभी प्रांतों से जिज्ञासुजन के साथ संत-महंतों का आगमन हो रहा है। समारोह में गुरु महिमा एवं संध्या पाठ जैसे नियमित कार्यों के अतिरिक्त एक सामूहिक पूजा विधान का भी आयोजन होगा। साथ ही समारोह के आयोजन के दौरान विशाल शोभा यात्रा निकाली जाएगी जिसके माध्यम से सदगुरु कबीर साहेबजी के संदेशों को आम तक पहंुचाने की कोशिश की जाएगी।
सदगुरु कबीर साहेबजी का प्राकट्य दिवस विक्रम संवत् ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सोमवार को लहरतारा बनारस काशी में माना जाता है। किसी भी जाति समूह धर्म स्थान अथवा कार्य विशेष से न बंधते हुए सदगुरु कबीर साहेबजी ने मानवता की पीड़ा को पहचाना और उसके समाधान को ही अपना धर्म बनाया। गुरु रामानंद स्वामी को उनका गुरु कहा जाता है। नीरू एवं नीमा के जुलाहा दम्पती ने उनका लालन पालन किया। उस समय प्रचलित हर प्रकार की साधनाओं में उनको निपुणता प्राप्त थी। वे सत्य के पक्षधर रहे। अधर्म के विरुद्ध खडे़ हुए। तर्क-बुद्धि से न्याय को स्थापित किया और अध्यात्म के रहस्यों को अपनी सहज सरल लोक भाषा में बदलकर बड़े-बड़े विद्वानों को भी आश्चर्यचकित किया। उनके प्रधान शिष्य रहे धनि धर्मदास साहेब जो कि बाधंवगढ़ के रहने वाले थे, उनकी भाव भक्ति और योग्यता को देखते हुए उन्हें उत्तराधिकारी घोषित किया गया। आज उन्हीं धर्म दास साहेब के 15वें वशंज कबीर पंथ के आचार्य पंथ प्रमुख प्रकाश मुनि नाम साहेब जो रायपुर में निवास करते हैं, वे तीन दिन उदयपुर में रहेंगे। आचार्य श्री पंथ प्रमुख प्रकाश मुनि साहेब ने कबीर पंथ की स्थापना के पांच सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में निरन्तर पांच वर्षों तक जगह-जगह पर इस प्रकार के आध्यत्मिक एंव नैतिक शिक्षा प्रदान करने वाले महोत्सवों का आयोजन किया है। इस प्रकार विगत चार वर्षों से विभिन्न स्थानों पर ऐसे उत्सव होते आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब झीलों की नगरी उदयपुर में विद्या प्रचारिणी सभा के सहयोग से बीएन विश्वविद्यालय के मैदान में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
महोत्सव के प्रथम दिन प्रातः 10 बजे ध्वजारोहण, दीप प्रज्वलन, उद्घाटन समारोह एवं पंथ श्री के प्रवचन होगें। साथ ही अपराह्न चार बजे संध्या पाठ, सत्संग, प्रवचन, भजन-कीर्तन होंगे।
कार्यक्रम के दूसरे दिन गुरु महिमा पाठ, शोभायात्रा होगी। इसके बाद सायंकालीन सत्र में भजन कीर्तन एवं सत्संग होगा। समारोह के अंतिम दिन गुरु महिमा एवं पूनो महात्म्य पाठ एवं महायज्ञ एकोत्तरी चैका आरती होगी।