Home World Asia News पाकिस्तान ने अरुंधति के उद्धरण के सहारे किया सुषमा के भाषण पर पलटवार

पाकिस्तान ने अरुंधति के उद्धरण के सहारे किया सुषमा के भाषण पर पलटवार

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पाकिस्तान ने अरुंधति के उद्धरण के सहारे किया सुषमा के भाषण पर पलटवार
kashmir is not a part of india : Pakistan responds to Sushma swaraj at the UN
kashmir is not a part of india : Pakistan responds to Sushma swaraj at the UN
kashmir is not a part of india : Pakistan responds to Sushma swaraj at the UN

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण में पाकिस्तान की कड़ी निंदा के जवाब में प्रख्यात उपन्यासकार अरुं धति रॉय के उद्धरण का सहारा लेकर पलटवार किया है।

सुषमा ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उसे ‘कहर, मौत और अमानवीयता का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक’ कहा था।

इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने शनिवार शाम को रॉय के एक कथन का उद्धरण देते हुए कहा कि भारत की हवा में इस समय जो चीज सबसे अधिक है, वह है शुद्ध आतंक..कश्मीर में और अन्य स्थानों पर भी।

मलीहा ने भारतीय धर्म निरपेक्षतावादियों के एक वर्ग के कथनों का भी सहारा लिया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को ‘फासीवादी’ और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘धर्मान्ध’ करार देते हैं।

आमतौर पर कोई कनिष्ठ या मध्यम स्तरीय राजनयिक ही प्रत्युत्तर देता है, लेकिन पाकिस्तान ने अपने प्रत्युत्तर के अधिकार का प्रयोग करने के लिए देश के वरिष्ठतम राजनयिकों में से एक अपनी स्थायी प्रतिनिधि को चुना, जो यह दर्शाता है कि उसके लिए सुषमा का यह भाषण कितना अहम है।

सुषमा ने अपने संबोधन में साथ ही कहा था कि पाकिस्तान की केवल भारत से लड़ने और आतंकवाद के प्रायोजन में ही रुचि है।

मलीहा ने भारत के धर्मनिरपेक्षतावादियों की बात को दोहराते हुए कहा कि मोदी सरकार में जातीय और फासीवादी विचाराधारा की जड़ें गहराई तक समाई हुई हैं और महात्मा गांधी की हत्या का आरोपी आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक) उसका नेतृत्व करता है।

मलीहा ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने की निंदा करते हुए कहा कि सरकार ने एक धर्मान्ध को भारत के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दिया है।मलीहा लोधी ने कहा कि यह ऐसी सरकार है, जो मुसलमानों की पीट-पीटकर हत्या होने देती है।

मलीहा ने अरुं धति रॉय के नवम्बर 2015 के कथन को दोहराते हुए कहा कि ये जघन्य हत्याएं केवल एक प्रतीक हैं। जीवित लोगों के लिए भी जीवन नर्क है। दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और इसाईयों की पूरी आबादियों को डर के साये में रहने पर मजबूर किया जा रहा है। उन्हें नहीं पता कि कब और कहां से उन पर हमला हो जाए।

1997 में अपने उपन्यास ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ के लिए बुकर प्राइज जीतने वाली रॉय का हाल ही में प्रकाशित दूसरा उपन्यास ‘द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनेस’ राजनीतिक है।

मलीहा ने खासतौर पर सुषमा की पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर की गई टिप्पणी पर आपत्ति उठाई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने कहा था कि जिन्ना ने शांति और दोस्ती पर आधारित विदेश नीति की नींव रखी थी।

सुषमा ने इस पर कहा कि यह एक प्रश्न ही है कि क्या जिन्ना साहब वास्तव में ऐसे सिद्धांतों के समर्थक रहे हैं। मलीहा ने कहा कि पाकिस्तान, भारत के साथ समग्र वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन उसमें कश्मीर मुद्दे पर भी चर्चा की जानी चाहिए और उनके शब्दों में, राज्य प्रायोजित आतंकवाद का समापन होना चाहिए।