Home Entertainment Bollywood अब हिंदी ज्यादा तकलीफ नहीं देती : कैटरीना कैफ

अब हिंदी ज्यादा तकलीफ नहीं देती : कैटरीना कैफ

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अब हिंदी ज्यादा तकलीफ नहीं देती : कैटरीना कैफ

नई दिल्ली। फिल्म ‘जग्गा जासूस’ से कैटरीना कैफ पहली बार पर्दे पर एक पत्रकार के किरदार में नजर आएंगी। इस किरदार को निभाने के बाद वह पत्रकारों के काम और उनके जज्बे की मुरीद हो गई हैं।

हिंदी को कभी अपनी कमजोरी समझने वाली कैटरीना इसे अपनी ताकत बना रही हैं। वह कहती हैं कि अब हिंदी बोलने में उन्हें उतनी तकलीफ नहीं होती, जितनी पहले हुआ करती थी।

पिछली कुछ असफल फिल्मों के बाद कैटरीना की ‘जग्गा जासूस’ जल्द रिलीज होने जा रही है, जिससे उन्हें काफी उम्मीद है। इस फिल्म से बंधी उम्मीदों के बारे में कैटरीना कहती हैं कि इस फिल्म में मैं एक खोजी पत्रकार श्रुति के किरदार में हूं। यह मेरा अब तक का सबसे मजेदार किरदार रहा है। इस किरदार के जरिए मैंने पत्रकारों की रोजमर्रा की जिंदगी को जीया है और इस किरदार के बाद मेरे मन में पत्रकारों के प्रति सम्मान बढ़ा है।

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फिल्म के प्रचार के लिए नई दिल्ली पहुंचीं कैटरीना ने कहा कि हां, मेरी पिछली एक-दो फिल्में उतनी बेहतरीन नहीं रही, लेकिन यह सब इंडस्ट्री का हिस्सा है। आपकी हर फिल्म सुपरहिट नहीं हो सकती, लेकिन यह तय है कि लोगों को ‘जग्गा जासूस’ पसंद आएगी।

सात समुद्र पार से भारत आकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में सफलता की बुलंदियां छूने वाली कैटरीना खुद को काफी भाग्यशाली भी मानती हैं। वह कहती हैं कि मैं मानती हूं कि मैं बहुत भाग्यशाली रही हूं। मेरी जिंदगी में एक के बाद एक चीजें अनायास होती चली गईं। मैंने सही समय पर सही निर्णय लिए और खुशकिस्मती से बेहतरीन लोगों के साथ काम किया।

वह आगे कहती हैं कि मैं स्वभाव से बहुत हाइपर हूं, छोटी सी चीजों पर तुरंत रिएक्ट कर देती हूं, लेकिन मैंने इस इंडस्ट्री से बहुत कुछ सीखा हैं।

हिंदी भाषा के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि शुरुआती दिनों में हिंदी मुझे बिल्कुल समझ नहीं आती थी। बहुत मुश्किल होती थी, लेकिन मैंने तय कर लिया था कि यहां टिकना है, तो यह सीखनी ही पड़ेगी और सीखने का सिलसिला अभी तक जारी है। अब हिंदी में ज्यादा परेशानी नहीं होती।

इस फिल्म के खास पहलू के बारे में पूछने पर वह कहती हैं कि यह फिल्म सिर्फ बाप और बेटे की कहानी नहीं है। फिल्म में एक महिला पत्रकार की दिक्कतों को भी पेश किया गया है, इसके साथ ही फिल्म में कई सामाजिक मुद्दों को भी उठाया गया है, जिसमें से एक है-हथियारों की तस्करी।

अनुराग बसु के साथ काम करने के अनुभव के बारे कैटरीना कहती हैं कि अनुराग दादा समाज में होने वाली घटनाओं से बखूबी वाकिफ हैं और आपको उनकी फिल्मों में उसकी झलक देखने को मिलेगी। हालांकि, यह बच्चों की फिल्म है लेकिन फिल्म में उन सामाजिक मुद्दों को उठाया गया है, जिनका आज देश सामना कर रहा है।

अपने दशक भर से अधिक लंबे करियर में कैटरीना को अभिनय क्षेत्र में कोई पुरस्कार नहीं मिला है। बात छेड़ने पर कैटरीना हंसते हुए कहती हैं कि अवॉर्ड मेरे लिए ज्यादा मायने नहीं रखते। मैं अच्छा काम कर रही हूं, अलग-अलग तरह की भूमिकाएं कर रही हूं, बहुत कुछ नया सीख रही हूं और सबसे जरूरी बात कि लोगों को मेरा काम पसंद आ रहा है, मेरे लिए इतना ही काफी है।