Home Astrology कुंडली से जानें कब मिलेगा आपको खुद का आशियाना

कुंडली से जानें कब मिलेगा आपको खुद का आशियाना

0
कुंडली से जानें कब मिलेगा आपको खुद का आशियाना
know your property prospects through your kundli
know your property prospects through your kundli
know your property prospects through your kundli

लंबे समय से किराए के घर में जीवन यापन करने वाले लोगों का एक ही सपना रहता है कि कब उनके पास उनका खुद का घर होगा। ऐसे में कुछ लोगों का यह सपना जल्द पूरा होता है, तो कुछ लोगों को लंबा समय लग जाता है। व्यक्ति के भाग्य में खुद का आशियाना है या नहीं यह उसकी जन्म कुंडली के आधार पर भी पता लगाया जा सकता है।

हमारी कुंडली में 12 घर 12 राशियां और 9 ग्रह होते हैं, वैदिक ज्योतिष के अनुसार हमारे जीवन की हर छोटी से छोटी घटना इन 12 घरों 12 राशियों और 9 ग्रहों से जुड़ी होती हैं। प्रत्येक व्यक्ति की यह इच्छा रहती है कि असका जीवन सुखपूर्ण रहे, उसे जिंदगी में कभी किसी चीज की कमी न रहे। किसी को तो यह सुविधा जन्मजात ही नसीब होती है, किसी को मेहनत से प्राप्त होती है और किसी को प्राप्त ही नही होती हैं। यह सब व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति सुनिश्चित करती है।

घर का सुख देखने के लिए मुख्यत कुंडली के चतुर्थ स्थान को देखा जाता है। फिर गुरु, शुक्र और चंद्र के बलाबल का विचार प्रमुखता से किया जाता है। जब-जब मूल राशि स्वामी या चंद्रमा से गुरु, शुक्र या चतुर्थ स्थान के स्वामी का शुभ योग होता है, तब घर खरीदने, नवनिर्माण या मूल्यवान घरेलू वस्तुएँ खरीदने का योग बनता है।

चतुर्थ स्थान पर गुरु-शुक्र की दृष्टि उच्च कोटि का गृह सुख देती है। चतुर्थ स्थान का अधिपति 1, 4, 9 या 10 में होने पर गृह-सौख्य उच्च कोटि का मिलता है। वहीं चतुर्थ में शनि हो, शनि की राशि हो या दृष्टि हो तो घर में सीलन, बीमारी व अशांति रहती है। इसी स्थान पर केतु हो तो घर में उदासीनता रहती है। चतुर्थ स्थान का राहु मानसिक अशांति, पीड़ा, चोरी आदि का डर देता है। चतुर्थ स्थान का अधिपति यदि नैप्च्यून से अशुभ योग करे तो घर खरीदते समय या बेचते समय धोखा होने के संकेत मिलते हैं। वहीं चतुर्थ स्थान में यूरेनस का पापग्रहों से योग घर में दुर्घटना, विस्फोट आदि के योग बनाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here