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कोडाईकनाल, जिसे अमरीकियों ने खोजा

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कोडाईकनाल, जिसे अमरीकियों ने खोजा

ज्योग्राफिकल वह प्राकृतिक रूप से कोडाईकनाल कमाल का हिल स्टेशन है। यहां सैर-सपाटे के लिए किराए पर साइकिल लेकर खुशनुमा मौसम में साइकलिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के साथ ही अंतराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक संस्थान के चलते ही कोडाईकनाल का भारत के नक्शे में विशेष स्थान हैं। इतना ही नहीं देश का अकेला ऐसा हिल स्टेशन है, जिसे अमेरिकियों ने खोजा था।


यहां के घने जंगल, शांत झीलें, विशाल चट्टानें, दुर्लभ प्रजाति के फू लों से सजे बगीचे और वनस्पति इस हिल स्टेशन को पर्यटकों के लिए संपूर्ण पर्यटन स्थल बनाते हैं। तमिलनाडु के दक्षिणी घाट के पलानी हिल्स पर 2,133 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कोडाईकनाल करीब 22 किमी. में फैला हुआ है। यहां मार्च से मई तक का समय काफी सुहावना होता है। गर्मियों में तो यहां कई फेस्टिवल्स होते रहते हैं जैसे कि बोट रेस, फ्लॉवर शो और चाहें तो एडवेंचर स्पोर्ट्स में भी पार्टिसिपेट कर सकते हैं। यहां का मौसम हमेशा ही सुहावना बना रहता है और सूरज की किरणें यहां देश के किसी भी हिल स्टेशन से कहीं ज्यादा चमकदार दिखाई देती हैं।

अस्तित्व की कहानी

19वीं सदी के शुरुआती सालों में ईसाई मिशनरियों ने बच्चों के लिए रेजिडेंशल स्कूल बनाने के लिए इस जगह को चुना था। यही नहीं, यहां वर्ष 1861 में मेजर हैमिल्टन ने बर्ड्स की 144 प्रजातियों का पता लगाया था। खास बात यह भी है कि यह देश का अकेला ऐसा हिल स्टेशन है, जिसे अमेरिकियों ने खोजा था। 20वीं सदी की शुरुआत में जब यह पूरी तरह से रोड से जुड़ गया, तब ट्रैवलर्स को आकर्षित करने लगा। यहां के बस स्टैंड से चार किमी. की दूरी पर स्थित यह मंदिर मुरूगन देव के अवतार माने जाने वाले कुरिंजी ईश्वरायन का है। इसका निर्माण वर्ष 1936 में यूरोपीयन लेडी ने करवाया था। यह मंदिर कुरिंजी नामक एक विशेष प्रकार के फूल के लिए भी प्रसिद्ध है। 12 वर्षों में एक बार खिलने वाले कुरिंजी के फूल इस मंदिर के आस-पास के क्षेत्र में खिलते हैं। अंतिम बार वर्ष 2006 में ये फूल खिले थे।

खास है कोडाई लेक

हिल्स के बीच में स्टार फिश के आकार की यह झील यहां की खासियत है। करीब 24 हेक्टेयर एरिया में फैली कोडाई झील में दो जगहों पर बोटिंग की सुविधा है। ग्रुप में आए टूरिस्ट जहां रोइंग बोट या पैडल बोट में इस लेक की ब्यूटी को एंजॉय करते हैं। वहीं, कपल्स शिकारे में बैठकर कोडाई लेक के चक्कर लगाना पसंद करते हैं। इस झील के चमकदार पानी में पेड़ों और बादल का प्रतिबिम्ब साफ नजर आता है। वहीं, कोडाईकनाल के पूर्व में स्थित ब्रायंट पार्क बोटेनिकल गार्डन को वर्ष 1908 में मदुरै के फॉरेस्ट आॅफिसर एचडी ब्रायंट ने आरंभ किया था। इस गार्डन में 330 प्रकार के पौधों की प्रजातियों के साथ ही 740 प्रकार के गुलाब की प्रजातियां भी मौजूद हैं।

रोमांचक है सुसाइड पॉइंट

यहां के ग्लास हाउस में विभिन्न तरह के आॅर्किड देखने को मिलेंगे। पैदल घूमने का शौक है तो कोडाई के ऊंचे-नीचे रास्ते आपके लिए ही हैं। कॉकर्स वॉक से वादियां बेहद हसीन दिखाई देंगी तो टेलीस्कोप हाउस से कई शानदार नजारे देखने को मिलेंगे। इसके अलावा, पिलर रॉक्स और कुरिंजी मंदिर भी देखने में अलग हैं। ग्रीन वैली व्यू को पहले सुसाइड पॉइंट कहा जाता था। असल में, यहां से वैली देखने में बेहद खतरनाक लगती है। कोडाईकनाल गोल्फ क्लब भी यहां से पास में ही है। वहीं, पिलर रॉक्स जगह पर तीन लंबवत रॉक पिलरों की ऊंचाई 120 मीटर है। ये पिलर प्रकृति की वास्तुकला का एक नायाब उदाहरण हैं। यहां से कोडाईकनाल के खूबसूरत प्राकृतिक नजारों को कैद कर सकते हैं।

कुछ मुख्य आकर्षण

यहां का मुख्य आकर्षण है कोडाई लेक, जहां हमेशा सैलानियों की रौनक रहती है। इसके दूसरी तरफ ग्रीन वैली है। यहीं से साइलेंट वैली का खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। फिर पिलर रॉक्स की खड़ी चट्टानें तो देखते ही बनती हैं। वैसे, यहां जाने पर हॉर्स-राइडिंग करना न भूलें। दरअसल, यहां चीड़ के जंगल में इस सवारी का अलग ही मजा है। इसके अलावा, ट्रैकिंग और साइकलिंग को भी खूब एंजॉय किया जा सकता है। इनके अलावा यहां से कढ़ाई किए हुए कपड़े, होम मेड चॉकलेट्स, कोडाई चीज और गर्म कपड़ों की खरीदारी कर सकते हैं। यहां सूखे हुए फ्लॉवर्स की भी अच्छी रेंज मिलती है। यहां के ब्राउन ब्रेड, जैम, पीनट बटर और मफिंस भी बेहद टेस्टी हैं। यहां आकर फेमस यूकलिप्टस आॅयल भी खरीदना न भूलें।

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