Home Breaking देश को पहले ‘लेस कैश’ फिर ‘कैशलेस’ बनाएं : पीएम मोदी

देश को पहले ‘लेस कैश’ फिर ‘कैशलेस’ बनाएं : पीएम मोदी

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देश को पहले ‘लेस कैश’ फिर ‘कैशलेस’ बनाएं : पीएम मोदी
mann ki baat 26th edition : pm narendra modi asks youth tp spread cashless society
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं से तकनीक का प्रयोग कर देश को कैशलेस सोसाइटी की तरफ ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कैशलेस सोसाइटी के इस अभियान का बीड़ा देश के युवाओं को अपने कंधे पर उठाना होगा क्योंकि जहां नौजवान बदलाव लाता है वहीं क्रांति भी युवा ही लाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के रेडियो प्रसारण में कहा कि विमुद्रीकरण के फैसले के बाद देश को आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर आया है। इसमें मुझे युवाओं का साथ चाहिए। युवाओं में कमाल की सृजन शक्ति होती है। तकनीक का खुद इस्तेमाल करें, दूसरों को भी सिखाएं। हर दिन 10 परिवारों को तकनीक सिखाएं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी नौजवानों को रूपे कार्ड का उपयोग सामान्य नागरिक को सिखाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि मैं देश के नौजवानों को निमंत्रण देता हूं कि सिर्फ समर्थन नहीं इस परिवर्तन के सैनिक बनें। देश की सेवा का मौका न गवाएं।

उन्होंने कहा कि देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए यह चलाया जा रहा अभियान है। यह सही है कि शत-प्रतिशत कैशलेस सोसाइटी संभव नहीं, लेकिन क्यों न भारत लेस कैश सोसाइटी की शुरुआत करे। मैं मज़दूर भाइयों-बहनों को इस योजना में भागीदार बनने के लिए विशेष आग्रह करता हूं।

उन्होंने कहा कि गांवों के जीवन में बदलाव आ रहा है। कुछ लोगों को तत्काल लाभ मिल रहे हैं। हमारा गांव, हमारा किसान ये हमारे देश की अर्थव्यवस्था की एक मज़बूत धुरी हैं।

पिछले वर्ष की तुलना में काफ़ी मात्रा में बुआई बढ़ी है, कठिनाइयों के बीच भी किसान ने रास्ते खोजे हैं। मुझे विश्वास है कि जो किसान हर कठिनाइयाँ, प्राकृतिक कठिनाइयाँ हो, उसको झेलते हुए भी हमेशा डट करके खड़ा रहता है, इस समय भी वो डट करके खड़ा है।

उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारी प्रौद्योगिकी की मदद से करोबार चला सकते हैं। मैं अपने छोटे व्यापारी भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूं कि मौका है, आप भी डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर लीजिए।

नोटबंदी के फैसले पर श्री मोदी ने कहा कि जिस समय ये निर्णय किया था, आपके सामने रखा था, तब भी मैंने सबके सामने कहा था कि निर्णय सामान्य नहीं है, कठिनाइयों से भरा हुआ है। 70 साल से जिन बीमारियों को हम झेल रहे हैं उन बीमारियों से मुक्ति का अभियान सरल नहीं हो सकता है।

नोटबंदी के बाद हमारा देश सोने की तरह तपकर निखरेगा और उसका कारण इस देश का नागरिक है। शक्ति की पहचान तो तब होती है, जब कसौटी से पार उतरते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश ने विमुद्रीकरण के फैसले का स्वागत किया है। इतना आनंद होता है, इतना गर्व होता है कि मेरे देश में सामान्य मानव की क्या अद्भुत सामर्थ्य है।

बैंकों और पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतनी कठिनाइयों के बीच बैंक के सभी लोग बहुत मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं।

नोटबंदी के बाद पिछले दिनों गुजरात में मेहमानों को चाय पिलाकर आयोजित की गई शादी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मैं चुनाव में चाय पर चर्चा करता था लेकिन मुझे पता नहीं कि चाय पर चर्चा में शादी भी होती है।

नोटबंदी के चलते नकदी की समस्या से जूझ रहे और घंटों बैंकों एवं एटीम के बाहर कतार में खड़े आम आदमी को हो रही परेशानियों पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आपकी कठिनाइयों को मैं समझता हूँ, भ्रमित करने के प्रयास चल रहे हैं फिर भी देशहित की इस बात को आपने स्वीकार किया है। कुछ लोगों की बुराइयों की आदत जाती नहीं है।

काले धन को ठिकाने लगाने के लिए गरीबों के खातों का प्रयाग करने वालों पर श्री मोदी ने कहा कि कुछ लोग पैसे बचाने के लिए गैर कानूनी रास्ते ढूंढ रहे हैं। गरीबों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनको लुभाकर, भ्रमित कर उनके खातों में पैसे डालकर या उनसे कोई काम करवा कर अपने पैसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हे लग रहा है कि कोई न कोई रास्ता खोज कर वह अपने पैसे की व्यवस्था कर लेंगे।

प्रधानमंत्री ने चुनौती देते हुए कहा कि मैं ऐसे लोगों से आज कह देना चाहता हूं कि सुधरना न सुधरना आपकी मर्जी है, कानून का पालन करना न करना आपकी मर्जी है लेकिन फिर कानून देखेगा कि क्या करना है। लेकिन ऐसे लोग गरीबों का बेजा फायदा न उठाएं या ऐसा न करें कि आपके चलते गरीब लोग फंस जाएं।

मोदी ने कहा कि देशवासियों ने जिस अनूठे अंदाज़ में दिवाली जवानों को समर्पित की, इसका असर जवानों के चेहरे पर अभिव्यक्त होता था। सेना के एक जवान ने मुझे लिखा कि हम सैनिकों के लिए होली, दिवाली हर त्योहार सरहद पर ही होता है, हर वक्त देश की हिफाज़त में डूबे रहते हैं।

जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले मुझे जम्मू-कश्मीर से, वहां के गांवों के प्रधान मिलने आए थे। काफ़ी देर तक उनसे मुझे बातें करने का अवसर मिला। वे अपने गांव के विकास की कुछ बातें लेकर के आए थे।

जम्मू-कश्मीर के 95% छात्रों ने बोर्ड की परीक्षा में हिस्सा लिया मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप जाकर के इन बच्चों के भविष्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करें। जम्मू-कश्मीर के हमारे बच्चे उज्ज्वल भविष्य के लिए, शिक्षा के माध्यम से विकास की नई ऊचाइंयों को पाने के लिए कृतसंकल्पित हैं।