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मुमताज ने रूमानी अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाया - Sabguru News
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मुमताज ने रूमानी अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाया

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मुमताज ने रूमानी अदाओं से दर्शकों को दीवाना बनाया
Veteran actress Mumtaz turns 68
 lonely. Veteran actress Mumtaz turns 68
Veteran actress Mumtaz turns 68

मुंबई। बॉलीवुड में मुमताज को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने साठ एवं सत्तर के दशक में अपनी रूमानी अंदाज और भावपूर्ण अभिनय से सिने प्रेमियों को दीवाना बनाया।

मुमताज का जन्म 31 जुलाई 1947 को मुंबई में हुआ। बचपन से ही उनका रुझान फिल्मों की ओर था और वह अभिनेत्री बनने का सपना देखा करती थी। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपना कदम रख दिया।

साठ के दशक में मुमताज ने कई स्टंट फिल्मों में काम किया जिनमें उनके नायक की भूमिका दारासिंह ने निभाई। दारा सिंह के साथ मुमताज ने जिन फिल्मों में काम किया उनमें हरकुलेस, फौलाद, वीर भीम सेन, सैमसन, टार्जन, कम टू दिल्ली, आंधी और तूफान, सिकन्दरे आजम, टार्जन एंड किंगकांग, रूस्तमे हिंद, राका, बाक्सर, जवान मर्द, डाकू मंगल ङ्क्षसह और खाकान शामिल है।

इनमें से कई फिल्में टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई लेकिन कामयाबी का श्रेय दारासिंह को दिया गया। वर्ष 1965 में मुमताज के सिने करियर की अहम फिल्म मेरे सनम प्रदर्शित हुई। इसमें मुमताज खलनायिका की भूमिका में नजर आई। इस फिल्म में आशा भोंसले की आवाज में ओपी नैय्यर के संगीत निर्देशन में उन पर फिल्माया गीत ..ये है रेश्मी जुल्फों का अंधेरा ना घबराइये ..उन दिनों श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

वर्ष 1967 में प्रदर्शित फिल्म पत्थर के सनम मुमताज की महत्वपूर्ण फिल्मों में शुमार की जाती है। मनोज कुमार और वहीदा रहमान अभिनीत इस फिल्म में मुमताज ने सहनायिका की भूमिका निभाई थी। इस फिल्म में भी उन पर एक आइटम गाना ऐ दुश्मन जान ..फिल्माया गया जो श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ।

 lonely. Veteran actress Mumtaz turns 68
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फिल्म मेरे सनम और पत्थर के सनम की सफलता के बावजूद मुमताज अभिनेत्री के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए फिल्म इंडस्ट्री में संघर्ष करती रही। इस दौरान उनकी सावन की घटा, ये रात फिर ना आएगी और मेरे हमदम मेरे दोस्त जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। इन फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री के रूप में शर्मिला टैगोर ने काम किया था जबकि मुमताज ने सहनायिका की भूमिका निभाई।

वर्ष 1967 में ही मुमताज की एक और फिल्म राम और श्याम प्रदर्शित हुई जो बतौर मुख्य अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में उन्हें अभिनय सम्राट दिलीप कुमार की नायिका बनने का गौरव प्राप्त हुआ। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए मुमताज को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार से भी नामांकित की गई।

मुमताज के अभिनय का सितारा निर्माता-निर्देशक राज खोसला की क्लासिकल फिल्म दो रास्ते से चमका बेहतरीन गीत संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने न सिर्फ मुमताज बल्कि अभिनेता राजेश खन्ना को भी स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। आज भी इस फिल्म के सदाबहार गीत दर्शकों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में आंनद बख्शी रचित गीतों बिंदिया चमकेगी चूड़ी खनकेगी, खिजां के फूल पे आती कभी बहार नहीं और छुप गए सारे नजारे ओऐ क्या बात हो गई, की तासीर आज भी बरकरार है।

फिल्म दो रास्ते की जबरदस्त कामयाबी से मुमताज चोटी की अभिनेत्रियों में शुमार हो गई। उन्होंने पूर्व में राजेन्द्र कुमार के साथ फिल्म गहरा दाग में महज छोटी सी भूमिका निभाई थी वह अब राजेन्द्र कुमार के साथ फिल्म तांगेवाला की मुख्य अभिनेत्री बन गई। अभिनेता शशि कपूर ने फिल्म सच्चा झूठा में मुमताज के साथ काम करना अस्वीकार कर दिया था लेकिन फिल्म चोर मचाए शोर में उन्होंने मुमताज के साथ काम करना स्वीकार कर लिया।

साल 1974 में मयूर माधवानी के साथ शादी करने के बाद मुमताज ने फिल्मों में काम करना काफी कम कर दिया। साल 1977 में प्र्रदर्शित फिल्म आइना के रुप में अभिनेत्री के सिने कैरियर की अंतिम फिल्म साबित हुई। दुर्भाग्य से यह फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई।

लगभग 12 साल के बाद 1989 में प्रदर्शित फिल्म आंधिया से मुमताज ने अपने सिने करियर की दूसरी पारी शुरू की लेकिन यह फिल्म भी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। मुमताज बड़े परदे पर की जोड़ी अभिनेता राजेश खन्ना के साथ काफी पसंद की गई। यह जोड़ी सबसे पहले 1970 में प्रदर्शित फिल्म दो रास्ते में पसंद की गई।

बाद में राजेश खन्ना और मुमताज ने रोटी, सच्चा झूठा, दुश्मन, अपना देश, आप की कसम और प्रेम कहानी जैसी सुपरहिट फिल्म में भी एक साथ काम किया। मुमताज ने अपने दो दशक लंबे सिने कैरियर में लगभग 100 फिल्मों में काम किया है।

उनकी अभिनीत उल्लेखनीय फिल्मों में काजल, खानदान, प्यार किए जा, सूरज, हमराज, बूंद जो बन गई मोती, बह्मचारी, आदमी और इंसान, खिलौना, उपासना, तेरे मेरे सपने, हरे रामा हरे कृष्णा, अपराध, लोफर, झील के उस पार, नागिन आदि शामिल हैं। मुमताज इन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय नहीं है।