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मध्यप्रदेश : कॉलेज में सिंधिया को बुलाने पर दलित प्राचार्य सस्पेंड

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मध्यप्रदेश : कॉलेज में सिंधिया को बुलाने पर दलित प्राचार्य सस्पेंड
Madhya Pradesh college principal suspended by government for holding Jyotiraditya Scindia's program
Madhya Pradesh college principal suspended by government for holding Jyotiraditya Scindia's program
Madhya Pradesh college principal suspended by government for holding Jyotiraditya Scindia’s program

भोपाल। मध्यप्रदेश में अशोकनगर जिले के मुंगावली स्थित शासकीय महाविद्यालय के प्राचार्य बीएल अहिरवार को महज इसलिए निलंबित कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कालेज के कार्यक्रम में क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुला लिया।

क्षेत्रीय सांसद को क्षेत्र के कॉलेजों में जाने का पूरा हक है और कॉलेजों के कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट या मुख्य अतिथि बुलाए जाने का हमेशा से रिवाज रहा है, लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार को सिंधिया का कॉलेज के कार्यक्रम में जाना पसंद नहीं है, क्योंकि वह सांसद तो हैं, लेकिन कांग्रेस के नेता हैं।

क्षेत्रीय सांसद को कार्यक्रम में बुलाने वाले प्राचार्य अहिरवार के निलंबन के आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि ‘उन पर यह कार्रवाई कांग्रेस नेताओं के आने पर की गई है।’

अहिरवार ने गुरुवार को कहा कि सिंधिया महाविद्यालय के छात्रों से संवाद करना चाहते थे। वे क्षेत्रीय सांसद हैं, उन्हें नियमों के मुताबिक बुलाया जा सकता था, लिहाजा बुलाया गया। उन्होंने मंगलवार को छात्रों से संवाद किया। अगले ही दिन मेरे निलंबन का आदेश आ गया।

अहिरवार ने आगे कहा कि मुझे जो निलंबन आदेश दिया गया है, उसमें सिंधिया का नाम नहीं लिया गया है, बल्कि कांग्रेस नेताओं के आने की बात कही गई है। सिंधिया के साथ कुछ कांग्रेसी भी आए हों, तो मैं क्या कर सकता था? आयोजन के दौरान न तो किसी पार्टी के झंडे थे और न ही बैनर। मैं तो यहां चल रही राजनीति के घमासान का शिकार बेवजह बन गया।

प्राचार्य के खिलाफ की गई कार्रवाई की सिंधिया ने निंदा की है। उन्होंने ट्वीट किया कि मुंगावली डिग्री कॉलेज के दलित प्राचार्य डॉ़ अहिरवार को बिना किसी नोटिस या ठोस वजह, सरकार ने निलंबित कर अपनी दलित विरोधी मानसिकता उजागर कर दी। असंवेदनशील सरकार का यह एक तानाशाहीपूर्ण आदेश है, जो पूर्वाग्रहग्रस्त और घोर निंदनीय कृत्य है।

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि क्या एक सांसद को अपने संसदीय क्षेत्र के महाविद्यालय में बुलाना इतना बड़ा अपराध है कि उस महाविद्यालय के प्राचार्य को निलंबित कर दिया जाए?

वहीं विधानसभा में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्राचार्य के निलंबन पर कहा कि आज मध्यप्रदेश शासन-प्रशासन का जो राजनीतिकरण भाजपा कर रही है, वह प्रदेश के इतिहास में कभी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री को तत्काल प्राचार्य का निलंबन रद्द करना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके मंत्री राजनीति में व्यक्तिगत दुर्भावना से काम कर रहे हैं। इसका शर्मनाक उदाहरण यह घटना है, दूसरी ओर पिछले दिनों भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में भाजपा की पितृ संस्था आरएसएस द्वारा एक कार्यक्रम किया गया। वहां संगठन के झंडे भी लगाए गए जो कदाचार है, मगर तब उच्च शिक्षा मंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की।

भाजपा के प्रदेश महामंत्री बीडी शर्मा ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थान में किसी को भी राजनीति करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। झंडे, बैनर नहीं लगाए जा सकते। जहां ऐसा हो, वहां कार्रवाई आवश्यक है।

यहां बताना लाजिमी होगा कि मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के निधन के चलते इस क्षेत्र में उपचुनाव होना है। यह क्षेत्र सिंधिया के गुना संसदीय क्षेत्र में आता है। उपचुनाव के चलते क्षेत्र में नेताओं की सक्रियता बढ़ी हुई है।