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मध्यप्रदेश की लेडी सिंघम अब कर्नाटक के बदमाशों पर कसेंगी नकेल

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मध्यप्रदेश की लेडी सिंघम अब कर्नाटक के बदमाशों पर कसेंगी नकेल
madhya pradesh 'lady singham' Isha Pant to deal with criminals in Karnataka
ips isha pant
madhya pradesh ‘lady singham’ Isha Pant to deal with criminals in Karnataka

ग्वालियर। मध्यप्रदेश की लेडी सिंघम के नाम से जाने वाली आईपीएस ईशा पंत अब कर्नाटक में बदमाशों पर नकेल कसेंगी। केंद्र सरकार ने इस दबंग ऑफिसर का तबादला करते हुए उन्हें कर्नाटक कैडर में पोस्टिंग दे दी है।

जबलपुर में इस दबंग लेडी सिंघम का माफियाओं और ड्रग तस्करों के बीच इनके नाम का काफी खौफ था। वहीं आईपीएस ईशा पंत को उनकी शानदार परफॉरमेंस के लिए उन्हे बेस्ट आईपीएस अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है।

जबलपुर से कुछ माह पहले ही उन्हें ग्वालियर 14वीं वाहिनीं में सेनानी के पद पर पदस्थ किया गया था। हाल ही रिलीज हुई निर्देशक प्रकाश झा की फिल्म जय गंगाजल में अभिनेत्री प्रियंका चौपड़ा ने इन्हीं का किरदार परदे पर उतारा है। इस फिल्म के साथ उनकी भी खूब चर्चा हुई है। इस लेडी सिंघम के नाम से पहचान बनाने वाली महिला आईपीएस ईशा पंत से खास बातचीत के कुछ अंश।

प्रश्न: आप मूलत: कहां की रहने वाली है।

उत्तर: हम लोग मूलत तो उत्तराखण्ड के रहने वाले हैं, लेकिन मेरा जन्म और प्रायमरी शिक्षा भोपाल में ही हुई है, जबकि मेरी हायर एज्युकेशन यूएसए में पूरी हुई है।

प्रश्न: कर्नाटक कैडर में तबादले का कारण।

उत्तर: कुछ दिनों पहले ही उनकी सगाई कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर अनिरुद्ध श्रवण से हुई है और जल्द ही शादी होने वाली है। उनकी अभी पोस्टिंग कर्नाटक राज्य में गुलबर्गा में जिला पंचायत सीईओ के पद पर है। इसलिए केंद्र सरकार ने दोनों को एक ही राज्य में पदस्थ करने के लिए उनका तबादला कर्नाटक कैडर में कर दिया।

प्रश्न: पुलिस फोर्स ज्वाइन करने का विचार कैसे आया।

उत्तर: ऐसा नहीं है कि हमारे परिवार में कोई भी इस लाइन में नहीं था। हम अपने परिवार में चार बहनें हैं, सबसे बड़ी बहन विदेश वियतनाम में आईएफएस अधिकारी है। दूसरी बहन एयरफोर्स विंग कमाण्डेंट है, जबकि तीसरी बहन जर्मनी में है। उन्होंने बताया कि वह खुद 2011 बैच की हैं।

प्रश्न: सबसे पहली पोस्टिंग कहां हुई ।

उत्तर: मेरा 2011 में सिलेक्शन हुआ था, उसके बाद मसूरी व हैदराबाद में ट्रेनिंग हुई। पहली बार तीन माह के लिए जबलपुर के ओमती थाने में टीआई के रूप में तैनाती की गई। जिसके बाद वह आधारताल में सीएसपी के रूप में पोस्टिंग की गई। बाद में एडीशनल एसपी बनाया गया।

प्रश्न: जबलपुर और अब ग्वालियर में काम करना कहां ठीक लगा।

उत्तर: हमारी तो डयूटी ही ऐसी है कि देश में कहीं भी भेजा जा सकता है। वैसे मध्यप्रदेश मेरे लिए बहुत खास है क्योकिं मेरा जन्म, शिक्षा, नौकरी की शुरूआत यहीं से हुई है। जबलपुर और ग्वालियर की बात की जाएं तो दोनों जगह अपने आप में बहुत अच्छी है, और दोनों जिलो में मेरे पद अलग अलग रहे हैं जिससे काम भी अंतर रहा है। जहां जबलपुर संस्कारधानी है तो ग्वालियर भी अपने आप में एक ऐतिहासिक शहर है।

प्रश्न: जय गंगाजल फिल्म में आपका किरदार क्यों लिया गया।

उत्तर: जब मैं जबलपुर में पदस्थ थी। तब जय गंगाजल के निर्देशक प्रकाश झा मेरे पास आए थे। उन्होंने कुछ जानकारी ली थी जैसे कि महिला आईपीएस कैसे काम करती है। काम के दौरान उन्हें किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्या क्या समस्याएं आती हैं। और बाद में उन्होंने इस पर फिल्म तैयार की।

प्रश्न: आपको सबसे ज्यादा खुशी कब हुई।

उत्तर: हमें हमेशा अपना काम ईमानदारी और मेहनत से करना चाहिए। वैसे मुझे सबसे ज्यादा खुशी तब हुई जब तत्कालीन गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे द्वारा बेस्ट आईपीएस के तौर पर रिवॉल्वर दी गई थी।