Home Headlines मालदीव में जलसंकट, भारत ने प्लेन से भेजा पानी

मालदीव में जलसंकट, भारत ने प्लेन से भेजा पानी

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maldives hit by water crisis, india sends help
maldives hit by water crisis, india sends help

नई दिल्ली। पड़ोसी देश मालदीव में जलशोधन संयंत्र में अचानक आई खराबी के बाद वहां की सरकार ने आपात स्थिति में भारत से सहायता मांगी जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए भारत ने वायुसेना के विमानों से दो सौ टन पानी माले भेजा।

भारत अगले तीन दिनों में विमानों एवं नौसैनिक पोतों से 240 टन पानी और मिनी जलशोधन संयंत्र भेजने के साथ माले के जलशोधन संयंत्र को ठीक करने में मदद करेगा।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने शुक्रवार को बताया कि मालदीव में जलशोधन संयंत्र के खराब हो जाने से उपजे संकट के बाद वहां की विदेश मंत्री दुनया मामून ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को देर रात टेलीफोन करके मदद मांगी थी। इसके बाद स्वराज ने रात में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात की और सुबह साढे सात बजे वायुसेना का आईएल 76 विमान पेयजल लेकर माले रवाना हो चुका था।

रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक जानकारी के अनुसार वायुसेना ने दो सी17 और 3 आइ एल 76 मालवाहक विमानों तथा नौसेना ने आईएनएस सुकन्या पोत में मालदीव के लिए पानी भेजा है। एक आई एल 76 विमान 50 टन तथा एक सी आई 17 विमान 28 टन पानी लेकर मालदीव पहुंच चुका है जबकि दो विमान रास्ते में हैं और एक में पानी लादा जा रहा है।

श्रीलंका गए आईएनएस सुकन्या को गुरूवार रात ही कोलंबो से मालदीव के लिए रवाना किया गया था। इस पोत पर 35 टन पेयजल लदा है। आईएनएस सुकन्या नौसेना का समुद्री निगरानी पोत है और वह कोच्चि के समुद्री इलाकों में नियमित निगरानी के लिए तैनात था। इस पोत में दो रिवर्स आसमोसिस संयंत्र लगे हैं जो प्रतिदिन 20 टन ताजा पेयजल मुहैया करा सकता है।

प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा शनिवार को आईएनएस दीपक भी 20 टन पानी लेकर माले रवाना होगा और परसों पहुंचेगा। उन्होंने बताया कि पांच उड़ानों से शुक्रवार को दो सौ टन पानी माले पहुंचाया गया है जबकि शनिवार को भी पांच उड़ानों से इतना ही पानी भेजा जाएगा।

रक्षा सूत्रों के अनुसार नौसैनिक पोत के आरओ सिस्टम वहां पेयजल आपूर्ति में मदद करेंगे और नौसेना के इंजीनियर माले के जलशोधन की मरम्मत में मदद करेंगे। गुरूवार को माले के वाटर और सीवरेज कंपनी के जनरेटर कंट्रोल पैनल में आग लग गई थी जिससे वहां की पेयजल आपूर्ति ठप हो गई। माले में टैंकों और अन्य भंडारों में रखे गए पेयजल की 12 घंटे में एक बार एक घंटे के लिए आपूर्ति की जा रही है।

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