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देवर से लगा दिल तो पत्नी ने कर दी पति की हत्या

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देवर से लगा दिल तो पत्नी ने कर दी पति की हत्या
man murdered by wife and her lover over illicit relationship
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विजयपुर। जीवन भर सात निभाने की कसमें खाने वाले पति-पत्नी के रिश्ते की गरिमा को तार-तार करते हुए एक पत्नि ने अपने देवर के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या कर दी है।

यह हादसा उस समय घटित हुआ जब पति के सामने देवर और भाभी के बीच चल रहे अवैध संबंधों का राज खुल चुका था। घटना को एक दुर्घटना बनाने के लिए देवर और भाभी ने मिलकर लाश को एक पुलिया के पास ठिकाने लगा दिया। लेकिन पुलिस छानबीन के बाद पूरे मामले का खुलासा हो गया।

विजयपुर नगर में तहसील कार्यालय के पीछे निवास करने वाले रामअवतार पुत्र श्रवण शाक्य उम्र 30 वर्ष की पत्नी ने और सगे भाई ने मिलकर गत दिनों हत्या कर दी।

हत्या के बाद इस घटना को छिपाने के लिए मृतक की पत्नी और भाई ने देर रात को ही मृतक रामअवतार के शव को सुनवई रोड़ पर पडने वाली पहली पुलिया के पास फैंकते हुए इसे दुर्घटना बनाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के सामने मृतक की पत्नी और भाई का झूठ ज्यादा देर नहीं टिक सका और उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

इस तरह घटित हुई घटना परिजनों के अनुसार मृतक रामअवतार पेशे से ड्रायवर था, जो अपनी निजी में लगी हॉल करने की मशीन से पीएचई के काम करता था। बुधवार की शाम को करीब छह बजे लेवर का हिसाब करने के बाद रामअवतार सब्जी लेने के लिए घर से निकला था।

उसके बाद करीब 7.30 बजे वह पुन: बाजार आया और घर पर बच्चों के लिए संतरा लेकर करीब 11 बजे घर लौटा। जैसे ही रामअवतार घर पहुंचा तो उसने अपनी पत्नी सविता उम्र 28 वर्ष और अपने छोटे भाई महेन्द्र को रंगे हाथों एक साथ पकड़ लिया।

जब रामअवतार ने इसका विरोध किया तो महेन्द्र ने धक्का मारकर रामअवतार को नीचे जमीन पर गिरा दिया और उसके बाद पत्नी सविता ने पैर पकड़ लिए और महेन्द्र ने रामअवतार के हाथ और सिर पर लोहे की होड़ से वार पर वार किए। जिससे रामअवतार की मौके पर ही मौत हो गई।

कृत्य को छुपाने के लिए देवर और भाभी ने मिलकर मृतक रामअवतार के शव को सुनवई रोड़ पर पुलिया के पास छोड़ दिया। इस पूरी घटना को हत्या से दुर्घटना के बदलने के लिए मृतक का छोटा भाई महेन्द्र फरियादी बनकर विजयपुर थाने पहुंच गया और इस हादसे को सड़क दुर्घटना बताकर रिश्तों की दुहाई देने लगा।

लेकिन पुलिस ने महेन्द्र से पूछताछ शुरू की तो एक के बाद एक कड़ी खुलती ही चली गई और इसी बीच पुलिस की निगाह महेन्द्र के जूतों पर पड़ी तो पूरा मामला आईने की तरह साफ हो गया। महेन्द्र के जूतों पर लगा खून इस बात की गवाही दे रहा था कि यह कोई दुर्घटना, नहीं बल्कि हत्या है। कड़ाई से पूछताछ में उसने जुर्म कबूल लिया।

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