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मनोरा मर्डर मामले में कांग्रेस और भाजपा में ठनी

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मनोरा मर्डर मामले में कांग्रेस और भाजपा में ठनी

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। मनोरा में एक वृद्धा की हत्या को लेकर सोमवार को जिले की चरमारती कानून व्यवस्था के मुददे पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने मामले का खुलासा नहीं होने के कारण वृद्धा के शव की अंत्येष्टि नहीं करने का मानस बनाते हुए घटनास्थल पर धरना दे दिया।

पूर्व विधायक संयम लोढा यहां पर जिले की बिगडती कानून व्यवस्था पर भाजपा को आडे हाथों लेते दिखे तो भाजपाई नेता सत्ता और प्रशासनिक अधिकारियों की पैरवी करते नजर आए। कुल मिलाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेरणा शेखावत के मौके पर पहुंचने और सात दिनों में मामले का खुलासा करने का आश्वासन देने पर सभी नाराज नजर आए।

इस दौरान कांग्रेस नेता संयम लोढा भाजपा कोषाध्यक्ष अरूण परसरामपुरिया पर बरसते भी नजर आए और एक बारगी तो लोढा ने परसरामपुरिया को बोलने के लिए उठते समय कंधे पर हाथ दबा कर बैठा भी दिया। तमाम विवाद के बाद सात दिन में हत्यारों को नहीं पकडने पर आंदोलन करने की चेतावनी के बाद ग्रामीणों ने धरना उठाया।

इस मामले में कांग्रेस भाजपा पर कानून व्यवस्था में फेल होने और कर्मण्य अधिकारियों की पैरवी करके जनहितों को नजरअंदाज करने का तो भाजपा लोढा पर राजनीति करने का आरोप लगाती दिखी।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को जिले के बरलूट थाने के मनोरा गांव के एक घर में एक वृद्धा शव मिला था। इसकी नृशंसता से हत्या की गई थी। इस वृद्धा को दूध वाले ने 17 दिसम्बर को अंतिम बार घर पर देखा था, उसके दूसरे दिन उसके घर पर ताला लगा हुआ मिला था। पुलिस ने घर में से बदबू आने की सूचना मिलने पर जब शनिवार शाम को इस घर का ताला तोडकर अंदर प्रवेश किया तो अंदर वृद्धा का शव पडा हुआ था। वृद्धा यहां अकेली रहती थी, उसके परिवार वाले विजयवाडा में कार्य करते थे।

manora murder : congress says failure of law and order in bjp counter congress
कहां है तुम्हारा एसपी, बुलाओ ना

ग्रामीणों में सबसे ज्यादा आक्रोश इस बात को लेकर दिखा की इतनी नृशंस हत्या के बाद भी पुलिस के आला अधिकारी गांव में नहीं पहुंचे। जब ग्रामीण उखडे तो रविवार को एएसपी प्रेरणा शेखावत मनोरा पहुंची। ऐसे में ग्रामीण पुलिस अधीक्षक के मौके पर पहुंचकर कथित रूप से इस ब्लाइंड मर्डर की इन्वेस्टिगेशन में संसाधन झोंकने के प्रयास नहीं करने को लेकर जबरदस्त नाराज दिखे। गांव की महिलाएं व पुरुष धरने पर बैठ गए।

यहां पर पहुंचे भाजपा नेता अरूण परसरामपुरिया जब समझाइश करते हुए पार्टी के बचाव की मुद्रा में दिखे तो लोढा ने सत्ता की संवेदनशीलता का हवाला देते हुए कहा कि इतनी ही संवेदनशीलता है तो कहां है आपका एसपी, उन्हें बुलवाओ ना यहां पर। इस मामले में लोढा के आगे अरूण परसरामपुरिया के अलावा जिलाध्यक्ष तक भाजपा के पक्ष में ज्यादा नहीं बोल पाए।

जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया,  आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, सिरोही नगर सभापति ताराराम माली, भाजपा सिरोही जिलाध्यक्ष लुम्बाराम चैधरी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष नारायणलाल पुरोहित, भाजपा प्रवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अशोक टाइगर,  जालोर भाजपा मंडल अध्यक्ष जोगसिंह राजपुरोहित, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रकाश अग्रवाल यूथ कांग्रेस महासचिव नरेंद्र राजपुरोहित, भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित, भाजपा मण्डल अध्यक्ष छगनलाल घांची, पूर्व जिला मंत्री एडवोकेट अशोक पुरोहित, दीपाराम पुरोहित, समेत कई ग्रामीण महिला-पुरुष मौजूद थेे।
आया डाॅग स्क्वायड
इधर, हत्या को लेकर विवाद बढने को देखते हुए पुलिस की जांच में भी तेजी आई है। ब्लाइंड मर्डर का राज खोलने को लेेकर सोमवार को मनोरा में डाॅग स्क्वायड भी आया।