Home Business Auto Mobile बाजार पर मजबूत हुई मारुति की पकड़, टाटा ने होंडा को पछाड़ा

बाजार पर मजबूत हुई मारुति की पकड़, टाटा ने होंडा को पछाड़ा

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बाजार पर मजबूत हुई मारुति की पकड़, टाटा ने होंडा को पछाड़ा
Maruti suzuki india at top position, Tata overtakes Honda
Maruti suzuki india at top position, Tata overtakes Honda
Maruti suzuki india at top position, Tata overtakes Honda

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड की भारतीय यात्री वाहन बाजार पर पकड़ और मजबूत हुई है और उसकी बाजार हिस्सेदारी 47 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। वहीं, टाटा मोटर्स लिमिटेड ने भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाते हुए होंडा कार्स इंडिया लिमिटेड से चौथा स्थान हथिया लिया है।

घरेलू बाजार में पाँच शीर्ष विक्रेताओं में पिछले तीन साल से मारुति, हुंडई मोटर इंडिया, मभहद्रा एंड मभहद्रा, टाटा मोटर्स और होंडा कायम हैं। इसमें गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में मारुति, हुंडई और टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है जबकि अन्य दो की कम हुई है।

वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम द्वारा इस सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, 2016-17 में देश में कुल 30 लाख 46 हजार 727 यात्री वाहन बिके। इसमें मारुति की बिक्री 10.59 प्रतिशत बढ़कर 14,43,641 इकाई रही। उसकी बाजार हिस्सेदारी भी बढ़कर 47.38 प्रतिशत पर पहुँच गयी। वित्त वर्ष 2014-15 में उसकी बाजार हिस्सेदारी 45.01 प्रतिशत और 2015-16 में 46.79 प्रतिशत रही थी।

टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी 2015-16 में 5.36 प्रतिशत रही थी और इस मामले में वह पाँचवें स्थान पर थी। पिछले वित्त वर्ष में उसकी बिक्री 15.45 प्रतिशत बढ़कर 1,72,504 इकाई पर और बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 5.66 प्रतिशत पर पहुंच गयी।

होंडा की बिक्री घटने का भी उसे फायदा मिला। वित्त वर्ष 2015-16 में होंडा की बाजार हिस्सेदारी 6.88 प्रतिशत थी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में यह घटकर 5.16 प्रतिशत रह गई। इस दौरान उसकी बिक्री 18.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,57,313 इकाई पर आ गई।

हुंडई 5,09,705 वाहन बेचकर 16.73 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर रही। वित्त वर्ष 2015-16 में उसकी हिस्सेदारी 17.36 प्रतिशत और 2014-15 में 16.17 प्रतिशत रही थी। मभहद्रा की बाजार हिस्सेदारी पिछले दो वित्त वर्ष में लगातार घटी है।

वर्ष 2014-15 में यह 8.61 प्रतिशत, 2015-16 में 8.47 प्रतिशत और 2016-17 में 7.75 प्रतिशत दर्ज की गयी। हालांकि, वह लगातार तीसरे स्थान पर बनी हुई है। बीते वित्त वर्ष उसकी बिक्री 0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,36,130 इकाई पर आ गई।