Home Breaking जवाहरबाग प्रकरण : डीएम-एसएसपी की भूमिका की हो जांच

जवाहरबाग प्रकरण : डीएम-एसएसपी की भूमिका की हो जांच

0
जवाहरबाग प्रकरण : डीएम-एसएसपी की भूमिका की हो जांच
mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins
mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins
mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins

मथुरा। जवाहरबाग प्रकरण में साहस का परिचय देकर शहादत देने वाले दोनों पुलिस अधिकारियों की मौत को लेकर अब जनपद में तरह-तरह के सवाल लोग खड़ा करने लगे हैं। लोगों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में डीएम और एसएसपी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और तब तक उन्हें यहां से हटा देना चाहिए ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें।

वहीं जवाहरबाग आॅपरेशन में साहसी दोनों पुलिस अधिकारियों को अकेला छोड़ने वाले कुछ पुलिस के अधिकारियों और उनके साथ गई पुलिस टीम से भी पूछताछ होने पर पता चलेगा कि आखिर ये लोग कैसे उन दोनों को अकेला छोड़कर चले आए।

वरिष्ठ अधिकारियों ने क्यों एसपी सिटी को अकेले वहां जाने दिया? यह ऐसे सवाल हैं जो आज जनमानस उठा रहा है। योजना को अमलीजामा पहनाने से पूर्व सुरक्षा व्यवस्था और हथियारों के माकूल बंदोबस्त न होने का परिणाम था कि दोनों की जान चली गई।

अब वरिष्ठ अधिकारी भले ही अपने आप को कितना भी सही बताएं लेकिन इन दोनों पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की जरूर इस प्रकरण में चूक रही है। मुख्यमंत्री से लेकर तमाम जानकार भी इस तथ्य को सही मान रहे हैं।

अगर बढिया योजना और पूरी ताकत से ऐसे दुष्टों पर हमला होता तो कम से कम दो लोकप्रिय अधिकारियों की जान नहीं जाती। कमिश्नर अलीगढ को जांच सौंपी गई है और इस जांच में अभी तक ज्यादा पूछताछ भी नहीं हुई है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रदेश सरकार और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस पहलू को गंभीरता से नहीं लिया।

दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही न होने से भी लोग क्षुब्ध हैं। जनपद के लोग इस बात को जोरशोर से उठा रहे हैं कि जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले में पूरी तरह असफल साबित हुए।

भले ही रामवृक्ष जैसा आताताई और उसके प्रमुख कमाण्डर इस घटना में मारे गए हों लेकिन बड़े अधिकारियों को अब तक इसमें सजा आखिर क्यों नहीं दी गई? रोज-रोज यह सवाल तेजी से उठ रहा है।

mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins
mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins

एसएसपी पर ‘चाचा’ और डीएम पर ‘भतीजे’ का हाथ

जवाहरबाग प्रकरण में दो पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद भी एसएसपी और डीएम का तबादला न होना लोगों में चर्चा बना हुआ है। अब तो खुलकर लोग कहने लगे हैं कि डीएम को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संरक्षण है क्योंकि उनकी पत्नी को चुनाव जिताने में इनकी भूमिका थी।

वहीं एसएसपी रामगोपाल यादव के करीबी माने जाते हैं। वरदहस्त होने के कारण अभी तक इन दोनों को इसीलिये बचाया जा रहा है। इनके कार्यकाल में जवाहरबाग मामले में पुलिस और प्रशासन ने भी गंभीरता नहीं दिखाई।

अगर लेखपाल इस प्रकरण में आंदोलन न करते और राजनैतिक दलों के नेता इस पर धरना-प्रदर्शन और कूच जैसी तैयारियां नहीं करते तो निश्चित रूप से अब भी मामला ठण्डे बस्ते में पड़ा रहता।

इस सब से साफ है कि स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह प्रदेश सरकार से तालमेल बैठाकर कार्यवाही कर रहा था। जिस प्रकार पुलिस के एक अधिकारी ने बयान दिया कि हमें पूरे प्रकरण में गोलियां न चलाने का आदेश था। वह भी सरकार की सोची समझी रणनीति का एक हिस्सा माना जा रहा है।

mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins
mathura clashes : bjp leaders demand entry into Jawahar bagh, probe into violence begins

जवाहरबाग में पाबंदी लगाकर क्या छुपा रहा है पुलिस-प्रशासन?

जवाहरबाग प्रकरण में दो पुलिस अधिकारियों की शहादत के बाद भी जिला प्रशासन अब भी घटना के बाद किसी को जवाहरबाग में प्रवेश क्यों नहीं करने देना चाहता? केवल यह कहकर टालना कि वहां सर्च हो रहा है। माकूल जबाव नहीं है।

आखिर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी जवाहरबाग में जनमानस से क्या छिपाना चाहते हैं? यह लोगों की समझ से परे है। गत दिनों सांसद हेमा मालिनी और आज केन्द्रीय मंत्री निरंजन ज्योति को भी वहां घुसने नहीं दिया।

सवाल उठता है कि प्रशासन को ऐसा क्या डर है कि जवाहरबाग में वो लोगों को प्रवेश नहीं करने देना चाहता। क्या पुलिस-प्रशासन कुछ छुपा रहा है? इस सब से तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं और इनकी नीयत पर भी लोगों को संदेह होने लगा है?

चर्चाओं को बल मिल रहा है कि जवाहरबाग में काफी संख्या में लोग मारे गए हैं। कुछ बीच में आए लोग भी चपेट में आए हैं। इन सब चर्चाओं को पुलिस की भूमिका से और भी बल मिल रहा है। जवाहरबाग में प्रवेश न करने देने के पीछे आखिर कौन से कारण हैं?

जनपद के एसएसपी डाॅ. राकेश सिंह कहते हैं कि वहां सर्च चल रहा है और अभी दो दिन तक किसी को प्रवेश नहीं करने दिया जा सकता। यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही।

वहां पर विस्फोटक आदि बिछाने की जहां तक बात है तो अगर ऐसा होता तो अब तक फाॅरेंसिक विभाग और दूसरी विस्फोटक पहचानने वाली टीम इसका खुलासा कर देती लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है तो फिर आखिर जवाहरबाग में प्रवेश न देना क्या संकेत दे रहा है?

क्या वहां और भी लोग मरे हैं? जिनकी संख्या बड़ी है जिसे प्रशासन सामने नहीं लाने देना चाह रहा। ऐसे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। घटना के अगले दिन से ही प्रेस के लोगों को भी वहां जाने से रोका जा रहा है। इससे पुलिस प्रशासन की भूमिका और भी संदिग्ध हो गई है।