Home Breaking नसीमुद्दीन का मायावती पर पलटवार, जारी किए कई ऑडियो टेप

नसीमुद्दीन का मायावती पर पलटवार, जारी किए कई ऑडियो टेप

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नसीमुद्दीन का मायावती पर पलटवार, जारी किए कई ऑडियो टेप
mayawati called muslims traitors for not voting for BSP : Naseemuddin Siddiqui
mayawati called muslims traitors for not voting for BSP : Naseemuddin Siddiqui
mayawati called muslims traitors for not voting for BSP : Naseemuddin Siddiqui

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा सुप्रीमो मायावती पर गुरुवार को जोरदार पलटवार किया।

नसीमुद्दीन ने मायावती पर कई तरह के गम्भीर आरोप लगाते हुए कई ऑडियो भी जारी किए। उन्होंने कहा कि मायावती ने दिल्ली बुलाकर कहा था कि मुसलमान गद्दार हैं।

नसीमुद्दीन ने लखनऊ में अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए मायावती पर काफी गम्भीर आरोप लगाए। प्रेंस कांफ्रेंस में सिद्दीकी ने मायावती के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को कठघरे में खड़ा किया।

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नसीमुद्दीन ने कहा कि मैंने मायावती को हार के कारणों के बारे में बताया था जिस पर वह नाराज हो गई थीं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मायावती ने दिल्ली बुलाकर मुझसे कहा कि मुसलमान गद्दार हैं।

मायावती ने पूछा मुसलमानों ने बहुजन समाज पार्टी को वोट क्यों नहीं दिया। मायावती ने मुझसे काफी गलत व्यवहार किया, मायावती ने कांशीराम के बारे में जो कहा था, मैंने उसका विरोध किया था।

उन्होंने कहा कि मायावती ने मुझसे रुपयों की मांग की। पार्टी को 50 करोड़ रुपए की जरूरत है। मैंने कहा कि मैं इतने रुपए कहां से लाऊंगा तो बोलीं, अपनी संपत्ति बेच दो। मैंने कहा कि अगर मैं अपनी संपत्ति बेच भी दूंगा तो 50 करोड़ का चौथाई भी हो जाए तो बड़ी बात है।

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नसीमुद्दीन ने कहा कि मैंने मायावती से कहा कि जिन कांशीराम ने पार्टी की नींव रखी, जिन्होंने आपको राजनीति सिखाई, उनके बारे में आपने गलत बोला। कार्यकर्ताओं को अच्छा नहीं लगा। इस बात पर मायावती ने कहा कि मैं तुम्हारे खिलाफ कार्यवाही करूंगी। सिद्दीकी ने कहा कि मायावती ने मेरे और मेरे बेटे पर झूठे आरोप लगाए। मेरे ऊपर अनर्गल आरोप लगाए।

उन्होंने कहा कि सतीश चन्द्र मिश्रा और उनके दामाद की तलाशी क्यों नहीं ली जाती है। सतीश मिश्रा ने इस पार्टी को तबाही की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मिश्रा जी 2003 से पार्टी में हैं और मैं उनसे 20 साल पहले 1983 से पार्टी में हूं। मैं यहां तक कह सकता हूं कि मायावती मुझे मरवा भी सकती हैं। उनके पास कई गिरोह हैं। उनके खिलाफ जो बोले उसके घर में आग लगवा देंगी। उनके हर गिरोह के सरगना से लेकर एक-एक को जानता हूं।

नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बयान में कहा कि मैं समझता हूं कि इस निष्कासन से मेरे व मेरे परिवार की और मेरे सहयोगियों की बहुजन समाज पार्टी में 34-35 साल की कुर्बानी का सिला मुझे दिया गया है।

नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि मायावती, उनके भाई आनंद कुमार और सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा अवैध और अनैतिक रूप से और इन सबसे ऊपर मानवता से परे कई बार ऐसी मांगें की गईं, जो मेरे बस में नहीं थीं। कई बार मुझे मानसिक प्रताड़ना दी गई, परेशान किया गया। जिसके पुख्ता प्रमाण मेरे पास हैं।

पूर्व बसपा नेता ने कहा कि 2009 और 2014 के लोकसभा चुनाव और 2012 व 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मायावती की गलत नीतियों के कारण सफलता नहीं मिली। उन्होंने मुसलमानों पर गलत व झूठे आरोप लगाए।

नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती से जब मिलना हो तो वह पेन, घड़ी सब रखवा लेती हैं, सतीश चंद्र मिश्रा की गाड़ी के लिए तुरंत गेट खुल जाता है। तलाशी हो रही है तो सबकी होनी चाहिए, मायावती नेताओं में भेदभाव करती हैं।

उन्होंने कहा कि मायावती खुद चाहती हैं कि पार्टी खत्म हो जाए ताकि कोई और पार्टी में खड़ा न हो पाए। वह नहीं चाहतीं कि कोई और दलित चेहरा मुख्यमंत्री बने।

नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने चुनाव के बाद मुझे बुला कर मुसलमान को गद्दार बताया और खुद मुझे जान से मारने की धमकी भी दी। इस दौरान उन्होंने मायावती के साथ अपनी बातचीत के कई ऑडियो भी जारी किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास करीब 150 सीडी मौजूद है, जो समय आने पर जारी की जाएगी।

नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने मुझे बुलाकर मुसलमानों को गद्दार बताया। मैंने आपत्ति की कि ऐसा मत कहें। मैंने कहा कि मैं किसी मौलाना को लेकर आपके पास नहीं आया।

इसके बाद मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनावों में उच्च वर्ग, पिछड़े वर्ग के मतदाताओं ने भी बसपा को वोट नहीं दिया। इसके साथ दलितों में धोबी, सोनकर, पासी और कोरी ने भी बसपा को वोट नहीं दिया।

मायावती के विश्वास पात्र रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मैंने उनसे कहा कि जब तक गठबंधन नहीं हुआ था। मुसलमान हमारे साथ था, लेकिन गठबंधन होने के बाद मुसलमान उलझ गया और वोट बट गया। ऐसा नहीं है कि हमें मुसलमानों का वोट नहीं मिला, लेकिन हां उनका समर्थन हमें कम मिला है।

उन्होंने कहा कि मेरी बात से असहमति जताते हुए बसपा सुप्रीमो ने मुझे गाली दी और कहा कि मैं उन्हें मूर्ख बना रहा हूं। मायावती ने कहा कि मुसलमान धोखेबाज हैं। दाढ़ी वालों ने कभी बसपा का साथ नहीं दिया।

नसीमुद्दीन ने कहा कि मायावती ने सिर्फ मुसलमानों को ही नहीं बल्कि धोबी, पासी, कोहार सभी को बुरा भला कहा।

अपने ऊपर लगे आरोपों पर नसीमुद्दीन ने कहा कि उनके और बेटे के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत हैं और तथ्यों को छुपाया गया है। सिद्दीकी ने मायावती पर पैसे मांगने के भी आरोप लगाए और कहा कि बसपा सुप्रीमो ने मुझसे 50 करोड़ रुपए मांगे, कहा कि जैसे भी हो पैसा लाओ, तभी पार्टी में आगे बढ़ पाओगे। भले ही तुम्हें इसके लिए अपनी संपत्ति ही क्यों न बेचनी पड़े।