Home Headlines मंदसौर जा रहे अग्निवेश, मेधा, योगेंद्र यादव सहित 40 लोग अरेस्ट, रिहा

मंदसौर जा रहे अग्निवेश, मेधा, योगेंद्र यादव सहित 40 लोग अरेस्ट, रिहा

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मंदसौर जा रहे अग्निवेश, मेधा, योगेंद्र यादव सहित 40 लोग अरेस्ट, रिहा
Medha Patkar And Yogendra Yadav Arrested Outside Mandsaur, Later Released
Medha Patkar And Yogendra Yadav Arrested Outside Mandsaur, Later Released
Medha Patkar And Yogendra Yadav Arrested Outside Mandsaur, Later Released

रतलाम। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में पुलिस की गोली से मारे गए छह किसानों के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना प्रकट करने जा रहे सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव सहित 40 लोगों को रतलाम पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया, बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान नेताओं का रविवार को रतलाम होते हुए पीड़ित किसानों के परिजनों से मुलाकात पहले से तय थी। तय कार्यक्रम के मुताबिक ये नेता रतलाम से मंदसौर के लिए निकले तो उन्हें मंदसौर की सीमा में प्रवेश करने से पहले ही ढोढर में गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने अग्निवेश, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, पूर्व विधायक सुनीलम, पूर्व विधायक कल्पना परुलेकर, पारस सखलेचा, मप्र किसान सभा के महासचिव रामनारायण कुररिया सहित अन्य किसान नेताओं को गिरफ्तार किया।

रतलाम पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने बताया कि जिले में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू है, इसके चलते आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में 35 पुरुष और पांच महिलाएं शामिल थीं, सभी को जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ताओं और किसान नेताओं ने रतलाम में श्रद्धांजलि सभा कर मंदसौर में पुलिस की गोली से मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि दी। सभा में सभी नेताओं ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि शिवराज सिंह चौहान से बड़ा नौटंकीबाज मुख्यमंत्री देश में दूसरा कोई नहीं है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य इकाई के सचिव बादल सरोज ने कहा कि पुलिस का यह कृत्य पूरी तरह अलोकतांत्रिक है। पुलिस ने किसके इशारे पर गोली चलाई, यह सबको पता है। इस दर्दनाक घटना की जितनी निंदा की जाए कम है।

मध्यप्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार को यह बात समझ लेनी चाहिए कि इस अलोकतांत्रिक कदम और गोलीबारी व गिरफ्तारी से किसान डरने वाले नहीं हैं।