Home Delhi नोटबंदी की ‘आपदा’ के लिए माफी मांगें मोदी : कांग्रेस

नोटबंदी की ‘आपदा’ के लिए माफी मांगें मोदी : कांग्रेस

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नोटबंदी की ‘आपदा’ के लिए माफी मांगें मोदी : कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को नोटबंदी के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने के लिए कहा है। कांग्रेस ने कहा कि नोटबंदी के चलते भारत की साख को बट्टा लगा और भ्रष्टाचारियों ने इसका भरपूर लाभ उठाया, जबकि नोटबंदी की इस ‘आपदा’ के चलते 104 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्य कसे और स्वतंत्रता दिवस पर दिए गए उनके भाषण का उल्लेख किया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपये काला धन बरामद हुआ।

सुरजेवाला ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी सालाना रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों का उल्लेख किया, जिसमें कहा गया है कि नोटबंदी के समय देश में प्रचलन में रहे 15.44 लाख करोड़ की राशि के प्रतिबंधित नोटों में से 15.28 लाख करोड़ राशि के नोट वापस आरबीआई के पास आ चुके हैं, जिसका मतलब है कि आरबीआई को जितनी राशि के पुराने नोट मिले हैं, उससे कहीं अधिक राशि नए नोट छापने में लग गई।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, “वास्तविकता – आरबीआई का आज का आंकड़ा कहता है कि 15.44 लाख करोड़ रुपयों में से सिर्फ 16,000 करोड़ रह गए। इसमें से भी 9,000 करोड़ रुपये अटके पड़े हैं। नजरिया – यह 16,000 करोड़ रुपए नोटबंदी के जरिए प्रतिबंधित नोटों की कुल राशि का मात्र एक फीसदी है। इन 16,000 करोड़ रुपयों का पता लगाने के लिए सरकार ने नए नोट छापने पर 21,000 करोड़ रुपए खर्च कर डाले।”

अगले ट्वीट में सुरजेवाला ने लिखा, “साफ तौर पर असफल, नोटबंदी और कुछ नहीं बल्कि आपदा साबित हुई, जिसने 104 निर्दोष लोगों की जान ले ली, जबकि भ्रष्टाचारियों को जबरदस्त लाभ हुआ।”

मोदी पर लोगों को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आरबीआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों ने एकबार फिर सरकार की पोल खोल दी है और ‘नोटबंदी घोटाले’ ने न सिर्फ ‘आरबीआई की गरिमा को चोट पहुंचाई है, बल्कि विदेशों में भारत की साख को भी बट्टा लगाया है’। सुरजेवाला ने मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी इसके लिए देश से माफी मांगें।

सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्वानुमान व्यक्त किया था कि नोटबंदी के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में दो फीसदी तक की कमी आएगी और उनका यह अनुमान सही साबित हुआ।