Home Breaking देहरादून में बनी थी पटियाला की नाभा जेल ब्रैक की योजना

देहरादून में बनी थी पटियाला की नाभा जेल ब्रैक की योजना

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देहरादून में बनी थी पटियाला की नाभा जेल ब्रैक की योजना
Nabha Jailbreak : Uttarakhand police arrest two for providing 'logistics support'
Nabha Jailbreak : Uttarakhand police arrest two for providing 'logistics support'
Nabha Jailbreak : Uttarakhand police arrest two for providing ‘logistics support’

देहरादून। पटियाला की नाभा जेल तोड़ने की योजना अपराधियों ने देहरादून में बैठ कर बनाई थी। देहरादून पुलिस ने यह दावा करते हुए सोमवार को इस मामले में दो गिरफ्तारियां की और दोनों को मीडिया के सामने पेश किया।

देहरादून के एसएसपी डॉ. सदानंद दांते ने बताया कि नाभा जेल ब्रेक की साजिश का मास्टर माइंड परविंदर उर्फ़ गुरविंदर उर्फ़ पैंदा देहरादून के रायपुर थाना क्षेत्र के डांडा लाखौंड इलाके में पिछले छह माह से किराये के मकान में रह रहा था।

उन्होंने बताया कि पैंदा नाभा कांड से ठीक पांच दिन पहले पंजाब के लिए निकला था। एसएसपी ने कहा कि पैंदा को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को डांडा लाखोंड के सिद्धार्थ लॉ कॉलेज के पास स्थित सुनील पुत्र दर्शन अरोड़ा मूल निवासी लुधियाना पंजाब के मकान से गिरफ्तार किया गया है।

उन्होंने बताया कि सुनील ने परमिंदर को पिछले छह माह से अपने यहाँ शरण दे रखी थी। पुलिस ने जब मुखबिर की सूचना पर छापा मारा तो सुनील घर से फरार हो गया जबकि उसकी पत्नी गीता व उसके नौकर आदित्य उर्फ़ बिन्नी पुत्र राकेश मेहरा मूल निवासी 179 रेलवे कॉलोनी लुधियाना पंजाब को गिरफ्तार कर लिया।

मकान की तलाशी में दो लाख रुपए के अलावा भारी मात्रा में बम बनाने का सामान, 7.62 एमएम की 10 गोलियां, ड्राई सेल, लोहे की रॉड, हथियार साफ करने के उपकरण, पेचकस, प्लास, इलेक्ट्रॉनिक कॉम्पैक्ट स्केल ग्रीस आदि बरामद हुए।

इसके साथ ही गाड़ियों पर लगने वाली सादी नंबर प्लेट, भारत निर्वाचन आयोग का मतदाता पहचान पत्र और बिना प्रिंट किया हुआ आधार कार्ड भी मिला है। पुलिस ने बताया कि 2014 में पंजाब की नाभा जेल से फरार होने के बाद तक़रीबन छह महीने पहले पैंदा देहरादून आया और सुनील के घर में शरण ली।

पुलिस के अनुसार पैंदा और सुनील की मुलाकात 2014 में ही नाभा जेल में हुई थी। सुनील लुधियाना के बहुचर्चित शिवानी मर्डर केस में बंद था। खालिस्तानी आतंकी हरमिंदर उर्फ़ मिंटू भी उस समय नाभा जेल में ही बंद था। यहीं पर तीनों की दोस्ती हुई।

नाभा जेल से भागने के दौरान ही परमिंदर ने मिंटू को जेल से छुड़ाने का वादा किया था। परमिंदर की पत्नी गीता ने बताया कि पैंदा ने जेल से मिंटू की फरारी की योजना बनाने के साथ ही देश से बाहर हो जाने की तैयारी भी कर रखी थी।

उसके अनुसार जेल से फरार होने के बाद आतंकी पहले देहरादून आते और यहां सुनील के मकान में कुछ दिन रुकते। फिर मौका देख तराई के बाजपुर के रास्ते नेपाल फरार हो जाने की योजना थी।

एसएसपी ने बताया कि पैंदा डांडा लाखोंड में रईसों की तरह रहता था। उसके पास लग्जरी गाड़िया थी और मकान में सुख सुविधा के सारे सामान थे जबकि पैंदा और सुनील के पास आय का कोई जाहिर जरिया नहीं है।

इसके बाद भी 2 लाख रुपए की नगदी और तीन अन्य बैंक खातों में जमा लाखों रुपए की जानकारी ने खुफिया एजेंसीयों के कान खड़े कर दिए है। देहरादून पुलिस पंजाब और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिल कर आरोपियों के बैंक खातों की जांच भी कर रही है।

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