Home Breaking सबगुरु के खुलासे पर हाइकोर्ट की मोहर, डबल बेंच ने नियुक्ति को माना अनियमित

सबगुरु के खुलासे पर हाइकोर्ट की मोहर, डबल बेंच ने नियुक्ति को माना अनियमित

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सबगुरु के खुलासे पर हाइकोर्ट की मोहर, डबल बेंच ने नियुक्ति को माना अनियमित

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सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही नगर परिषद में भाजपा बोर्ड और भाजपा शासन में की गयी नियुक्तियों को अनियमित मानते हुए राजस्थान हाइकोर्ट की डबल बेंच ने नौकरी पाने वाले सभी लोगों के स्टे को ख़ारिज कर दिया है। पूर्व में सिंगल बेंच की और से नियुक्ति को अवैध ठहराने पर सभी 10 में से पांच लोगों को नगर परिषद के तत्कालीन कार्यवाहक आयुक्त दिलीप माथुर ने निष्कासित कर दिया था वहीँ 10 में से 9 लाभार्थी सिंगल बेंच के फैसले के विरुद्ध डबल बेंच से सटे ले आये थे।

इस स्टे को हाइकोर्ट ने इस सप्ताह ख़ारिज कर दिया था। उल्लेखनीय है कि सबगुरु न्यूज ने 10 अगस्त 2015 को सबसे पहले इस प्रकरण को उजागर किया तज। सांसद देवजी पटेल की सिरोही में आयोजित जनसुनवाई में इस अनियमित नियुक्ति में सभापति के रिश्तेदार के लाभान्वित किये जाने का भी आरोप लगाया था।
-ये था मामला
सिरोही नगर परिषद् में 2015 में 7 पदों के लिए 10 जनो की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की, इसमें सेनेटरी इंस्पेक्टर, ड्राइवर, बागवान के पद शामिल थे। इसमें नियमों की अवहेलना करते हुए नगर परिषद के तत्कालीन आयुक्त लालसिंह राणावत और वर्तमान सभापति ताराराम माली ने 10 लोगों को नियुक्त किया। इस प्रकरण को सबगुरु न्यूज ने उजागर किया इसके बाद राजनितिक मंच पर ये उछला।

इसे लेकर जांच करवाई गयी। सिरोही के तत्कालीन उपखंड अधिकारी ओम प्रकाश विश्नोई ने जांच में नियुक्ति को नियम विरुद्ध पाया। इसके बाद डीएलबी के आदेश पर 10 में से पांच लोगो को निष्कासित कर दिया गया वही 5 जाने हाइकोर्ट से स्टे ले आये। हाइकोर्ट ने भी इस नियुक्ति में अनियमितता मणि और स्टे ख़ारिज कर दिया। इस पर ये लोग डबल बेंच से सटे ख़ारिज कर दिया। तत्कालीन आयुक्त रामेश्वर माहेश्वरी ने इस स्टे को ख़ारिज करवाने के लिए जोरदार ढंग से पैरवी करवाई। इसके परिणामस्वरूप हाइकोर्ट की डबल बेंच ने भी प्रवीण दुलानी, जवानाराम, दिनेश कुमार, लाडाराम, जयंतीलाल, भंवरसिंह, भलाराम, श्रीमती शारदा और ईश्वरलाल सेन की नियुक्ति को नियम विरुद्ध मानते हुए स्टे ख़ारिज कर दिया है।
-ये कहा न्यायलय ने
अस्सिस्टेंट अटॉर्नी जर्नल के एल ठाकुर के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित अधिवक्ता ऋषभ तायल और अधिवक्ता प्रतिष्ठा दावे की दलीलों से सहमत होते हुए न्यायालय ने माना कि नगर सभापति, आयुक्त और सम्बंधित नगर परिषद बोर्ड ने इस नियुक्ति में नियम 8ए की पालना नहीं की है।

मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश दिनेश मेहता ने स्टे को ख़ारिज करते हुए इन सभी लोगों की नियुक्ति को अनियमित माना और इन सभी को इनके द्वारा नगर परिषद में दी गयी सेवा काल के मानदेय का भुगतान करने के आदेश दिए।

– सबकी नियुक्ति निरस्त कर दी है….
हाइकोर्ट का आदेश देरी से मिला था इसलिए निर्णय की कॉपी मिलते ही कल सभी की नियुक्ति निरस्त कर दी है।
प्रह्लाद सहाय वर्मा
आयुक्त नगर परिषद, सिरोही।

इस खबर से किया था सबगुरु न्यूज ने नियुक्ति में अनियमितता का खुलासा…

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