Home Headlines नेशनल हेरल्ड केस : जब पाक साफ हैं तो बौखलाहट क्यो

नेशनल हेरल्ड केस : जब पाक साफ हैं तो बौखलाहट क्यो

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नेशनल हेरल्ड केस : जब पाक साफ हैं तो बौखलाहट क्यो
national herald case : Why stalling parliament for a court case
national herald case : Why stalling parliament for a court case
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भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री व सांसद गणेश सिंह ने कहा कि नेशनल हेरल्ड की संपत्ति को लेकर चल रहे न्यायिक विवाद से सरकार को जोड़ना और सारा दोष दूसरे के सिर मढ़ना न्याय संगत नहीं है।

जिस तरह कांग्रेस में इस प्रकरण के कारण घबराहट है उससे संकेत मिलता है कि कहीं न कहीं आर्थिक अपराध में किसी की संलिप्तता है जो बौखलाहट का कारण बन चुकी है।

उन्होंने कहा कि संसद को हंगामा कर बाधित करके न्यायालय को प्रभावित करने और न्यायालय की अवमानना करने की कांग्रेस की एक परंपरा सी बन गई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसलों का सम्मान करने के बजाए कानून थोपकर न्यायालय की अवमानना करके गलत शुरूआत की थी।

बाद में शाह बानो मामले में भी उनके उत्तराधिकारी ने वही रास्ता अख्तियार किया। इससे लगता है कि कांग्रेस का देश की न्याय व्यवस्था से विश्वास उठ गया है। न्यायालय को सियासी हित में सुपरसीड करना कांग्रेस का शौक बन चुका है।

सिंह ने कहा कि नेशनल हेराल्ड की संपत्ति हथियाए जाने के बारे में फरियादी लंबे समय से मामले पर नजर रखे थे तब न तो एनडीए की सरकार थी और कभी कोई सरोकार रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री को लपेटना और सारा दोष मढ़ना तर्क संगत नहीं है।

नेशनल हेरल्ड टीएजेएल के कर्ज की देनदारी चुकाने के लिए ब्याज मुक्त देकर कांग्रेस ने उसकी संपत्ति यंग इंडिया कंपनी को स्थानांतरित करवा दी जिस पर सिर्फ एक परिवार का कब्जा है।

यदि यह आर्थिक अपराध नहीं है तो न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत करने का साहस दिखाना चाहिए। न्यायालय में नीर क्षीर विवेक साबित हो जाएगा। न्यायाधीन मामले पर राजनीति करना लोकतंत्र के हित में नहीं है।