Home Chhattisgarh पथरीली जमीन पर लहलहा रहे नीम, आंवला व अर्जुन के पौधे

पथरीली जमीन पर लहलहा रहे नीम, आंवला व अर्जुन के पौधे

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पथरीली जमीन पर लहलहा रहे नीम, आंवला व अर्जुन के पौधे
Neem, Arjun Amla Medicinal Trees planted in Chandigarh
Neem, Arjun Amla Medicinal Trees planted in Chandigarh
Neem, Arjun Amla Medicinal Trees planted in Chandigarh

रायपुर। छत्तीसगढ के वन विभाग द्वारा पड़त भूमि को हरा-भरा बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। बेमेतरा जिले के अंतर्गत ग्राम झालम में कैम्पा निधि के तहत वर्ष 2014-15 में कुल रकबा 20 हेक्टेयर के रकबे में ग्राम वन पौधारोपण किया गया है।

वन विभाग के अधिकारयों ने सोमवार को बताया कि ग्राम झालम बेमेतरा से लगभग 14 किमी. दूरी पर स्थित है। वहां पौधरोपण में नीम, अर्जुन, आंवला, साजा, हल्दुमुढ़ी, नीलगिरी एवं बांस के पौधों का रोपण किया गया।

रोपण के पूर्व यह स्थल मुरूम युक्त पथरीली एवं अनुपजाऊ जमीन थी। इस रोपण के मध्य नाला बहता है, जो नवम्बर माह में सूख जाता था। इस स्थल पर पौधा रोपण कर इसे हरा भरा किया गया।

Neem, Arjun Amla Medicinal Trees planted in Chandigarh
Neem, Arjun Amla Medicinal Trees planted in Chandigarh

रोपित किए गए पौधों की वृद्वि बहुत अच्छी है। नीम के पौधों की ऊंचाई ढाई मीटर से अधिक हो चुकी है। आने वाले वर्षों में आंवला के पौधों में फल लगेंगे, जो यहां के ग्रामीणों को उपलब्ध हो सकेंगे। रोपण क्षेत्र के चारों ओर बांस के पौधों का रोपण किया गया है, जिनकी वृद्वि उत्साह जनक है।

वर्तमान में इस रोपण क्षेत्र में घास की बहुत अधिक वृद्वि हुई। इसका उपयोग ग्रामवासियों द्वारा अपने मवेशियों हेतु चारे के लिए किया गया। रोपण क्षेत्र के मध्य बहने वाले नाले को बीच-बीच में अस्थायी रूप से बांधा गया है, जिससे यहां पानी अधिक समय तक उपलब्ध हो पा रहा है।

इस प्रकार बंजर पथरीली जमीन पर वृक्षारोपण कर उक्त स्थल का स्वरूप ही बदल दिया गया है साथ ही यहां की जलवायु में भी परिवर्तन परिलक्षित होने लगा है।