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न्यूरो नेविगेशन से कम हुआ न्यूरो सर्जरी का रिस्क

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न्यूरो नेविगेशन से कम हुआ न्यूरो सर्जरी का रिस्क

सबगुरु न्यूज उदयपुर। मस्तिष्क हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसमें एक छोटी सी गांठ या बीमारी भी बहुत नुकसानदायक हो सकती है। इसीलिए न्यूरोसर्जरी हमेशा ही बहुत रिस्की व जटिल विधा रही है।

फोर्टीस उदयपुर के न्यूरो एवं स्पाइन सर्जन डाॅ. अमितेन्दु शेखर ने गुरुवार को न्यूरो सर्जरी की जटिलताओं और उनके आज के दौर में सरल उपायों के बारे में पत्रकारों से चर्चा की।

उन्होंने बताया कि अब तकनीक बदल चुकी है और न्यूरोसर्जरी में रिस्क कम हुए हैं। मस्तिष्क की शल्य चिकित्सा को आसान एवं सटीक बनाने के लिए अब एक नई तकनीक उपलब्ध है। जिसे न्यूरो नेविगेशन कहते हैं। न्यूरो नेविगेशन एक ऐसी तकनीक है जिससे कम्प्यूटर की सहायता से मस्तिष्क की सर्जरी की जाती है। यह तकनीक बिल्कुल वैसे ही काम करती है जैसे कि मोबाइल का जीपीएस। जिस प्रकार जीपीएस के मार्गदर्शन में हम एम निश्चित जगह पर आसानी से पहुंच सकते हैं, उसी प्रकार नेविगेशन सिस्टम के मार्गदर्शन से सर्जन मस्तिष्क की संरचनाओं या ट्यूमर तक आसानी एवं सटीकता से पहुंच सकते हैं ताकि आसपास के ऊतकों को कम से कम नुकसान पहुंचे।

सर्जरी के समय इस साॅफ्टवेयर के द्वारा यह पता लगाने में सहायता मिलती है कि कोई विशेष टूल एक निश्चित समय पर कहां काम कर रहा है। जिससे सर्जन को सही जगह पर कट लगाने में सहायता मिलती है। इस तकनीक के द्वारा कम से कम चीर-फाड़ करते हुए एक छोटे से छिद्र से अधिक बेहतर ढंग से एवं कम समय में सर्जरी की जा सकती है। जिसके कारण मरीज को ठीक होने में कम समय लगता है।

यह तकनीक भारत में ना बनने के कारण आम आदमी के लिए कम मूल्य में इतनी आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती मगर अब भारत में पहली बार बेंगलूरु की एक कम्पनी ने कई सालों की रिसर्च के बाद यह मशीन विकसित की है।