Home Business द मेट से सम्मानित होने वाली पहली एशियाई बनीं नीता अंबानी

द मेट से सम्मानित होने वाली पहली एशियाई बनीं नीता अंबानी

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द मेट से सम्मानित होने वाली पहली एशियाई बनीं नीता अंबानी
Nita Ambani honoured by the Metropolitan Museum of Art in New York for her philanthropic work
Nita Ambani honoured by the Metropolitan Museum of Art in New York for her philanthropic work
Nita Ambani honoured by the Metropolitan Museum of Art in New York for her philanthropic work

नई दिल्ली। रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक एवं अध्यक्ष नीता अंबानी को न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित मेट्रोपॉलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट (द मेट) द्वारा सम्मानित किया गया है।

यह विशेष सम्मान अंबानी के शिक्षा, खेल, स्वास्थ्य, ग्रामीण परिवर्तन, शहरी नवीनीकरण, आपदा प्रतिक्रिया, महिला सशक्तिकरण और कला के संवर्धन के क्षेत्र में परोपकारी कार्य के उपलक्ष्य में किए गए कार्यों के लिए दिया गया है।

इस सम्मान को प्राप्त करने वाली वे पहली दक्षिण एशियाई व्यक्ति हैं। मेट अंबानी की अगुवाई में रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा किए गए कार्य की विविधता एवं परिणाम से अत्यधिक प्रभावित था।

इस फाउंडेशन की परोक्ष, व्यावहारिक सोच ने भारत में, 10,500 से अधिक गांवों और शहरी स्थानों में 7 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। जिससे स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल के माध्यम से जमीनी स्तर पर विकास और महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ स्थायी शहरी और ग्रामीण रूपांतरण पर अपना ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली है।

मेट को दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित म्यूजियम्स में से एक माना जाता है। मौजूदा समय में यह इस शहर के तीन प्रसिद्ध स्थलों पर है। द मेट फिफ्थ एवेन्यू, द मेटब्रेयर और द मेटक्लोइस्टर्स। जिनमें दुनिया भर के 5000 वर्षों से अधिक कलाकृतियां रखी हुई हैं।

भारत में खेल-कूद के विकास के लिए अंबानी के दूरदर्शी कार्य को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) द्वारा सम्मानित किया गया था, जिसने उन्हें पहली भारतीय महिला सदस्य के तौर पर चुना था। वर्तमान समय में वे आईओसी में भारत की एकमात्र सदस्या हैं। टेस्ट और दवाईयां फ्री हैं जो कि पूरे देश के लिए एक मिसाल है।

उन्होंने कहा पूरा देश, सारी सरकार, केंद्र सरकार अगर ये ठान ले कि शिक्षा और स्वास्थ्य में बेहतर काम करना है तो देश बदल जाएगा। सभी समस्याओं से मुक्त हो जाएगा। सरकार अपनी जिम्मेदारी निजी स्कूल और निजी अस्पतालों पर नहीं छोड़ सकती।