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बिहार : बाल विवाह और दहेज के खिलाफ शुरू हुआ अभियान

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बिहार : बाल विवाह और दहेज के खिलाफ शुरू हुआ अभियान
Nitish Kumar launches campaign to end dowry, child marriage in Bihar
Nitish Kumar launches campaign to end dowry, child marriage in Bihar
Nitish Kumar launches campaign to end dowry, child marriage in Bihar

पटना। बिहार में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के अंतर्गत राज्य सरकार अगले वर्ष 21 जनवरी को एक मानव श्रृंखला का आयोजन करेगी। महात्मा गांधी की 148वीं जयंती समारोह के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्मित बापू सभाघर में राज्यव्यापी अभियान शुरू किया।

उन्होंने बाल विवाह और दहेज के खिलाफ लड़ने के लिए मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों सहित 5,000 से ज्यादा लोगों को शपथ दिलाई।

नीतीश कुमार ने कहा कि यह राज्य में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ लड़ने की शुरुआत भर है। हम आने वाले वर्षो में बाल विवाह एवं दहेज मुक्त बिहार को सुनिश्चित करने के लिए अभियान को तेज करेंगे और पुलिस, शिक्षकों सहित सरकारी अधिकारियों, पांच लाख से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों, नागरिक समाज संगठनों सहित लोगों को भी शामिल करेंगे।

इस वर्ष जनवरी में राज्य में निषेध और व्यसन के समर्थन में दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाने वाले नीतीश ने कहा कि हम अगले साल जनवरी में बिहार में बाल विवाह और दहेज के खिलाफ एक मानव श्रृंखला बनाएंगे।

कुमार ने कहा कि बिहार अब बाल विवाह और दहेज के खिलाफ मानव श्रृंखला बनाकर एक और उदाहरण पेश करेगा। यह देश के अन्य राज्यों को भी प्रेरित करेगा।

नीतीश ने कहा कि हमने पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण, लड़कियों के लिए साइकिल और समान योजनाएं, पुलिस कांस्टेबल नौकरी में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण, सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण समेत बिहार में महिला सशक्तीकरण के लिए कई उपायों की शुरुआत की।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि जनता, पुलिस सहित सरकारी अधिकारी, छह लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों और नागरिक समाज संगठनों के सक्रिय समर्थन से हम अगले एक साल में बाल विवाह और दहेज मामलों की संख्या को कम कर सकेंगे।

उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष को इसका समर्थन करना चाहिए। इस अभियान को लोगों की मदद और समर्थन के परिणामस्वरूप सफलता मिलेगी।

नीतीश कुमार ने लोगों से बाल विवाह में भाग न लेने और दहेज लेने वालों के विवाह का बहिष्कार करके समाज में एक मजबूत संदेश देने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अलग करने का यह सबसे अच्छा तरीका है, जो बाल विवाह और दहेज कृत्यों का उल्लंघन करते हैं।

बाल विवाह के खिलाफ कड़े कानून होने के बावजूद यह बिहार में काफी प्रचलित है। खासकर बिहार के ग्रामीण इलाकों में यह कुप्रथा बड़े स्तर पर फैली हुई है। वर्तमान में, राज्य में बाल विवाह की घटनाएं 39.1 प्रतिशत है।

कुछ वर्ष पहले तक बिहार में होने वाले कुल विवाह में से करीब 69 प्रतिशत बाल विवाह होते थे। लेकिन हाल ही में हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में खुलासा हुआ कि लड़कियों की शिक्षा पर जोर के कारण पिछले 10 सालों में यह आंकड़ा घटा है।

राज्य सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार महिला विकास निगम ने समाज कल्याण विभाग के साथ मिलकर इस अभियान के लिए अगले छह महीनों के लिए रोड मैप तैयार किया है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि सरकार इस अभियान से जुड़े लोगों से जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिए सोशल मीडिया, विशेषकर फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल करेगी। वह एसएमएस भेजेगी और जागरूकता पैदा करने के लिए व्हाट्सएप का उपयोग भी करेगी।