Home Breaking क्या वाकई मंत्रियों की बत्ती तो जलती है, पर ‘चलती’ नहीं!

क्या वाकई मंत्रियों की बत्ती तो जलती है, पर ‘चलती’ नहीं!

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क्या वाकई मंत्रियों की बत्ती तो जलती है, पर ‘चलती’ नहीं!
garbage theown near escort vehicle of state minister otaram dewssi in sirohi
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सबगुरु न्यूज-सिरोही। शहर के सुनारवाडा में रविवार सवेरे राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की मौजूदगी में गंदगी के हालातों ने एक महीने पहले शिवगंज के काम्बेश्वर मार्ग को लेकर हुई जनसभा में आई बात को जेहन में फिर से ताजा कर दिया।

इस सभा में पूर्व विधायक संयम लोढा ने पाली के मंत्री बने तीन विधायकों पर निशाना साधते हुए  कटाक्ष किया था कि इन मंत्रियों के पास बत्ती तो है पर पावर नहीं।

रविवार को सुनारवाडा में सिरोही विधायक और गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की एस्कॉर्ट वाहन और उनकी लाल बत्ती की गाडी के मार्ग पर ही जिस तरह से कचरा फेंका जा रहा था, उससे यही प्रतीत हो रहा था कि लोढा के निशाने पर कहीं न कहीं देवासी भी रहे होंगे|। यहाँ पर रविवार के हालात देखकर लोढा के वक्तव्य के अनुसार यही लग रहा था कि लाल बत्ती जलती तो है पर चलती नहीं।

देवासी के दौरे के दौरान सडक पर कचरे का यह ढेर तब डाला जा रहा था जब स्वयं सभापति और सिरोही भाजपा नगर अध्यक्ष और कद्दावर भाजपाई साथ में थे।

-बत्ती की एक गरिमा
राज्यमंत्री ओटाराम देवासी के लिए संभवतः यह बत्ती सिर्फ रुतबा दिखाने की वस्तु हो सकती है, लेकिन लोकतंत्र में इसकी एक गरिमा है।

रविवार को जिस तरह से राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की लाल बत्ती की गाडी के सामने ही सडक पर कचरे का अम्बार लगता रहा उससे यही प्रतीत हो रहा था कि इस संवैधानिक गरिमा का खयाल स्थानीय प्रशासन को नहीं है और संभवतः खुद देवासी भी इस बत्ती से जुड़े लोगों के विशवास को पूरी तरह आंक नहीं पा रहे हैं।

खुद मंत्री के सामने पैदा हुए हालात जनमानस में यही सन्देश दे रही है कि जब मंत्री के सामने प्रधानमंत्री के सपने के ये हालात हैं तो इसके सुधरने की आशा नही की जा सकती।
-आमतौर पर यह होता है नजारा
आमतौर पर केबीनेट मंत्री हो या राज्यमंत्री, जिस स्थान पर वह जाते हैं वहां दिखावे को ही सही प्रशासन यह दिखाने का प्रयास करता है कि राज का रुतबा बुलंद है और उनका भी।

इसके लिए सबसे पहले उस जगह की सफाई व्यवस्था चाक-चौबंद की जाती है। डीडीटी डालकर सडक के किनारे सफेद पाउडर की लाइन तक बिछा दी जाती है।

लेकिन, रविवार को राज्यमंत्री ओटाराम देवासी की मौजूदगी में जो हुआ उससे जनता में यही संदेश जाता नजर आ रहा है कि जब उनकी मौजूदगी में स्वच्छ भारत का दावा करने वाली भाजपा बोर्ड उनकी ऐसी बदहाली कर रही है तो सिरोहवासियों का तो यह सोचना बेमानी है कि उन्हें गंदगी और अव्यवस्था से कुछ राहत मिलेगी।

rection on wa
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-सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रिया
इधर, राज्यमंत्री के सुनारवाड़ा में दौरे के दौरान उनकी गाडी के आगे ही सडक पर कचरे का ढेर लगाने का समाचार सबगुरु न्यूज पर प्रसारित करने के बाद सोशल मीडिया पर भी लोगों की कडी प्रतिक्रिया आई है।

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स्वयं जिला भाजपा के सोशल मीडिया प्रभारी हरीश दवे ने ही अपने ही शासन में अपनी ही भाजपा का बोर्ड रहते हुए स्थानीय विधायक और अपनी ही पार्टी के मंत्री गरिमा का खयाल नहीं रखने को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए आडे हाथों लिया है। उन्हीं की पार्टी के पार्षद प्रवीण राठौड और पदाधिकारी नारायण देवासी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है।

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वहीं एक व्यक्ति ने तो यह टिप्पणी तक कर डाली की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान में कोई व्यक्ति खरा नहीं उतरता तो वो समस्या बन सकता है फिर चाहे वो मंत्री हो या विधायक।