Home Delhi जजों की नियुक्ति को अहं का मुद्दा न बनाए सरकार : सुप्रीमकोर्ट

जजों की नियुक्ति को अहं का मुद्दा न बनाए सरकार : सुप्रीमकोर्ट

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जजों की नियुक्ति को अहं का मुद्दा न बनाए सरकार : सुप्रीमकोर्ट
Do not make it about ego, supreme court warns centre over selecting judges

Do not make it about ego, supreme court warns centre over selecting judges

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में जजों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति न करने पर कड़ा ऐतराज जताया। साथ ही कहा कि केंद्र सरकार इस मामले को अहं का मुद्दा न बनाए।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आज हालात ये हैं कि कोर्ट को ताला लगाना पड़ा है। कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट में पूरा ग्राउंड फ्लोर बंद है। क्यों न पूरे संस्थान को ही ताला लगा दिया जाए और लोगों को न्याय देना बंद कर दिया जाए?

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को केंद्र अपने अहं का मुद्दा न बनाए। हम नहीं चाहते कि हालात ऐसे हों कि एक संस्थान दूसरे संस्थान के आमने-सामने हो जाएं। न्यायपालिका को बचाने की कोशिश होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि हम बड़े सब्र से काम कर रहे हैं। आप बताइए कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों की सूची का क्या हुआ? सरकार 9 महीने से इस सूची पर क्यों बैठी है?

इलाहाबाद हाईकोर्ट में 160 में से 77 जज काम कर रहे हैं जबकि छतीसगढ़ में 22 में से 8 जज काम कर रहे हैं। अगर सरकार को इन नामों पर कोई दिक्कत है तो हमें वापस भेजें, हम दोबारा विचार करेंगे।

मुकुल रोहतगी ने कहा कि हाईकोर्ट के जजों की सूची में कई नाम हैं जो सही नहीं हैं। सरकार ने 88 नाम तय किए, लेकिन सरकार एमओपी तैयार कर रही है। इस पर बेंच ने कहा कि आपने कहा था कि एमओपी तैयार हुए बिना भी जजों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी।

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने यह भी कहा कि ऐसा ही रवैया रहा तो न्याय विभाग के सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के सचिव को भी कोर्ट में बुला लेंगे। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी।