Home Sports Cricket अब मैं क्रिकेट नहीं देखता, मेरी राह अलग : अनुराग ठाकुर

अब मैं क्रिकेट नहीं देखता, मेरी राह अलग : अनुराग ठाकुर

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अब मैं क्रिकेट नहीं देखता, मेरी राह अलग : अनुराग ठाकुर
former BCCI president Anurag Thakur
former BCCI president Anurag Thakur
former BCCI president Anurag Thakur

हमीरपुर। कितना अजीब संयोग है कि एक समय विश्व क्रिकेट की सबसे ताकतवर संस्था मानी जाने वाली बीसीसीआई के मुखिया रहे अनुराग ठाकुर अब क्रिकेट नहीं देखते। क्रिकेट से जुड़े हर आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले अनुराग ने हालांकि इसके पीछे बाकी कामों में व्यस्तता और समय की कमी को कारण बताया है।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को बीसीसीआई में लागू करने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना के कारण अनुराग को बोर्ड अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा था। यहां से अनुराग ने बीसीसीआई से अपनी राह अलग कर ली और बाकी खेलों की तरफ मुड़ गए। अब उनका ध्यान अपने प्रदेश-हिमाचल में क्रिकेट के साथ-साथ बाकी खेलों के विकास पर है।

क्रिकेट प्रशासक के तौर पर हिमाचल में बेहतरीन मूलभूत सुविधाएं देने वाले अनुराग ने कहा कि अब वह ओलम्पिक खेलों की तरफ ध्यान दे रहे हैं और चाहते हैं कि हिमाचल में बाकी खेल भी मजबूती से आगे बढ़ें। इसी लक्ष्य के चलते उन्होंने पहली बार अपने प्रदेश में राजकीय ओलम्पिक खेलों का आयोजन कराया है। अनुराग हिमाचल प्रदेश ओलम्पिक संघ और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी हैं।

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बीसीसीआई से दूर होने के बाद क्रिकेट को याद नहीं करने के सवाल पर अनुराग ने कहा कि मैं कुछ ‘मिस’ नहीं करता। मैं क्रिकेट भी नहीं देखता। मैंने चैम्पियंस ट्रॉफी का एक भी मैच नहीं देखा। समय भी नहीं है मेरे पास। राजनीति समय लेती है। बाकी जिम्मेदारियां समय लेती हैं। मेरे पास समय नहीं है आठ घंटे या चार घंटे मैच देखने का। अब मेरी प्राथमिकताएं बदल गई हैं।

अनुराग ने कहा कि शुरू से ही वह अपने राज्य के लिए कुछ करना चाहते थे और यही कारण है कि सब यह देख सकते हैं कि उन्होंने राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में कितना विकास किया है और अब उनका ध्यान दूसरे खेलों के विकास पर है।

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उन्होंने कहा कि मैं 2000 से 2017 तक बीसीसीआई में रहा। लेकिन शुरुआत से 2011-12 तक मैंने कभी कोई पद नहीं लिया। मुझे मिला तब भी मैंने मना कर दिया। मेरा फोकस बहुत अलग है। मैंने पहले हिमाचल में स्टेडियम बनाया। जो किसी ने 50 साल में नहीं किया वो मैंने पांच साल में किया और तीन-चार स्टेडियम भी बना दिए। फिर कहीं जा के मुझे लगा की अब मैं हिमाचल से बाहर ध्यान दे सकता हूं। तब मैंने बीसीसीआई में पद ग्रहण किया।

अनुराग कहते हैं कि बीसीसीआई से अलग होने के बाद वह अब दूसरे रास्तों पर निकल गए हैं। अनुराग ने कहा कि मैंने अपना रास्ता चुन लिया है, ओलम्पिक की ओर, राजनीति की ओर। मुझे काम करने की आदत है। मैं 18-18 घंटे काम करता हूं। मैं काम के बिना नहीं रह सकता। नया रास्ता और लक्ष्य चुना है और यह काफी चुनौतीपूर्ण तथा समय लेने वाला है। ऐसे में भला किसी और चीज (क्रिकेट देखने) के लिए समय कहां मिलता है।