Home Breaking आम बजट को रुकवाने चुनाव आयोग की दहलीज पर विपक्षी दल

आम बजट को रुकवाने चुनाव आयोग की दहलीज पर विपक्षी दल

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आम बजट को रुकवाने चुनाव आयोग की दहलीज पर विपक्षी दल
opposition urges EC to recommend deferral of budget presentation
opposition urges EC to recommend deferral of budget presentation
opposition urges EC to recommend deferral of budget presentation

नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में चुनावी बिगुल बजने के साथ ही आम बजट को लेकर विपक्ष के तेवर तल्ख हो गए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि आम बजट चुनाव के बाद पेश किया जाए।

विपक्ष की इस मांग का केंद्र सरकार में एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने भी समर्थन किया है। गुरुवार को आम बजट को टलवाने के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जेडीयू, आरएलडी के नेता चुनाव आयोग पहुंचे।

विपक्षी दलों ने एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की योजना पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इसके माध्यम से लुभावनी घोषणाएं कर भाजपा मतदाताओं को लुभा सकती है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि एक फरवरी को बजट पेश करने की योजना के खिलाफ राजनीतिक दलों द्वारा दिए गए एक ज्ञापन की वह जांच करेगा। इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस कदम का बचाव करते हुए सवाल किया कि अगर राजनीतिक दल दावा करते हैं कि नोटबंदी एक अलोकप्रिय फैसला है तो उन्हें बजट से डर क्यों होना चाहिए।

सभी राजनीतिक दलों का दावा है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस, वाम, सपा और बसपा सहित विभिन्न दलों ने चुनाव आयोग को और राष्ट्रपति को पत्र लिख कर चुनाव से पहले बजट पेश किए जाने का विरोध किया है।

इन दलों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले बजट पेश करने से भाजपा और उसके सहयोगियों को अनावश्यक तरीके से लाभ होगा, क्योंकि केंद्र सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए आकर्षक घोषणाएं कर सकती है।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि, यह विपक्षी दलों की सामूहिक और गंभीर चिंता है कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने से सरकार को मतदाताओं को लुभाने के लिए लोकप्रिय घोषणाएं करने का अवसर मिल जाएगा।

आजाद ने कहा कि इससे न केवल सत्तारुढ़ दल को अनावश्यक लाभ मिलेगा बल्कि इससे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया भी कमजोर होगी। इसलिए यह मांग है कि आगामी चुनाव को देखते हुए और वर्ष 2012 के उदाहरण के अनुसार बजट को पहले पेश करने की अनुमति न दी जाए।

संवाददाताओं के पूछने पर आजाद ने कहा कि आयोग को कुछ राजनीतिक दलों की ओर से अभ्यावेदन मिले हैं जो कि बजट पेश करने से संबंधित हैं। आयोग उन पर गौर कर रहा है