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किशोर-किशोरियों की नजर में धूम्रपान तनाव में मददगार : सर्वेक्षण

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किशोर-किशोरियों की नजर में धूम्रपान तनाव में मददगार : सर्वेक्षण
Over 50% teenagers believe smoking cigarettes cuts stress : Survey
Over 50% teenagers believe smoking cigarettes cuts stress : Survey
Over 50% teenagers believe smoking cigarettes cuts stress : Survey

नई दिल्ली। देश के 50 फीसदी से भी अधिक किशोर-किशोरियां धूम्रपान करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह तनाव को कम करता है, साथ ही धूम्रपान से साथियों के बीच उनकी ‘कूल’ इमेज बनती है। एक सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है।

सर्वेक्षण के नतीजों में कहा गया है कि 52 फीसदी से अधिक किशोर-किशोरियों का मानना है कि धूम्रपान से एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है।

सर्वेक्षण में शामिल करीब 90 फीसदी किशोर-किशोरियों का मानना था कि अगर उनके माता-पिता ने रोकटोक नहीं की तो वे धूम्रपान जारी रखेंगे। जबकि 80 फीसदी से ज्यादा किशोर-किशोरियों का कहना था कि कम से कम एक धूम्रपान में कोई बुराई नहीं है।

फोर्टिस हेल्थकेयर के निदेशक (मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान विभाग) समीर पारिख का कहना है कि धूम्रपान समाज को तबाह कर रहा है और हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां युवा समूहों में धूम्रपान व अन्य जोखिम भरे व्यवहार स्वीकार्य हैं।

इनके अलावा 87 फीसदी किशोर-किशोरियों ने कहा कि फिल्मों में कलाकारों के धूम्रपान करने से इसे बढ़ावा मिलता है, जबकि 78 फीसदी किशोर-किशोरियों ने कहा कि धूम्रपान के खिलाफ अभियान में सेलेब्रिटी दिग्गजों के शामिल होने से उन्हें इसे छोड़ने में मदद मिलती है।

वहीं, 60 फीसदी से ज्यादा किशोर-किशोरियों का मानना है कि धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में चेतावनी दिखाने से इसकी रोकथाम में मदद मिलती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, धूम्रपान के कारण हर साल 70 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

द लेंसेट नामक पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक दुनिया में 2015 में हुई 64 लाख मौतों में धूम्रपान के कारण 11 फीसदी मौतें हुईं, जबकि चीन, भारत, रूस और अमेरिका में 52.2 फीसदी मौतें धूम्रपान के कारण हुईं।

धूम्रपान के कारण होने वाली 90 फीसदी मौतें फेफड़ों के कैंसर के कारण होती हैं, जबकि 80 फीसदी मौतें क्रोनिक ऑबस्ट्रकटिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीसी) और करीब 17 फीसदी मौतें हृदय रोग के कारण होती हैं।