आखिर क्यों इस शहर में बोलने पर है पाबंदी, जानिए कारण

अगर आपसे कोई कह दे कि थोड़ी देर चुप रहिये तो आपसे ये नहीं होता। जरा सोचिये आपको अगर पूरा दिन चुप रहना हो तो क्या करेंगे आप। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही परंपरा के बारे में एक दिन आपको चुप रहना ही पड़ेगा। ये शहर है इंडोनेशिया का खूबसूरत शहर बाली। इस प्रथा को ‘न्येपी’ कहा जाता है जिसे आप इंग्लिश में Day of Silence भी कह सकते हैं। ये दिन किसी भी दिन नहीं बल्कि एक खास दिन मनाया जाता है। ये खास दिन होता है बालीनीज कैलेन्डर के अनुसार ‘इसाकावरसा’ यानी साका का नया साल. इसी नए साल पर सभी को चुप रहना होता है। इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी रहती है और यहाँ के लोग इस दिन शांति से बैठकर बस ध्यान लगाते हैं।
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इस दिन व्रत भी रखा जाता है और इस दिन के बाद ‘ओमेद-ओमेदन’ यानि The Kissing Ritual की रस्म होती है। इस रस्म में लोग एक दूसरे के सिर को चुम कर बधाई देते हैं। इस दौरान घर के बाहर सिक्योरिटी गार्ड्स ही रहते हैं, जिन्हें ‘पिकालैंग’ कहते हैं। जो ये देखते हैं कि इस प्रथा को ठीक से निभाया जा रहा है या नहीं।
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‘वानाक्राइ’ साइबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ : व्हाइट हाउस

वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के होमलैंड सुरक्षा सलाहकार टॉम बोसर्ट ने कहा कि अमरीका का विश्वास है कि मई में हुए साइबर हमले ‘वानाक्राइ’ के पीछे उत्तर कोरिया था।
क्यों होती है डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग इतनी बुरी??

Why is the handwriting of doctors so bad ??
आप जब भी डॉक्टर के जाते है तो अपने देखा होगा की पर्ची पर कुछ टैबलट्स लिखता है जिसे समझना हर किसी के बास की नहीं है। लेकिन मेडिकल वाले उसे आसानी से समझ लेते है। आखिर डॉक्टर्स की हैंडराइटिंग ऐसी क्यों होती है। इस सवाल के जवाब एक महिला डॉक्टर कुछ ऐसे दिया –डॉक्टरों ने डॉक्टर बनने से पहले बहुत मेहनत की है, उन्होंने कम समय में बडे-बडे एग्जाम कम्पलीट किए हैं और इसी कारण समय बचाने के चक्कर में वो हमेशा बहुत ही तेजी में लिखते हैं जिस कारण उनकी हैंडराइटिंग इतनी बुरी हो गई है कि अब लोगों के समझ में ही नहीं आती है।
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डॉक्टर के अनुसार यदि आप भी तेजी में लिखना शुरू करेंगे तो आपको अंदाजा होने लग जाया करेगा कि कौन-सी दवाई का क्या नाम है और उसे कैसे लिखा जाता है। कैमिस्ट और डॉक्टर दोनों को ही दवाईयो के नाम का पहले से ही अंदाजा होता है कि कौन सी बीमारी के लिए डॉक्टर ने कौन-सी दवाई लिखी होगी।
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मेडिकल काउन्सिल ऑफ़ इंडिया के तहत सभी डॉक्टर्स को अपने प्रिस्क्रिप्शन में सभी अक्षरो को कैपिटल लैटर्स में लिखना पड़ेगा और उन्हें पूरी तरह से अपने मरीज़ को एक्स्पलेन करना होगा कि कौन-सी दवाई किस बीमारी की है और उसका नाम क्या है।
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