Home World Asia News तीन वर्षीय बिलाल को हृदय की दुर्लभ बीमारी से मिली मुक्ति

तीन वर्षीय बिलाल को हृदय की दुर्लभ बीमारी से मिली मुक्ति

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तीन वर्षीय बिलाल को हृदय की दुर्लभ बीमारी से मिली मुक्ति
Pakistani baby with rare heart disease treated in India
Pakistani baby with rare heart disease treated in India
Pakistani baby with rare heart disease treated in India

नई दिल्ली। पाकिस्तान निवासी तीन वर्षीय बिलाल को हृदय की दुर्लभ बीमारी से जेपी हॉस्पिटल में मिली मुक्ति मिल गई। बिलाल की बीमारी ऐसी थी जो दो लाख शिशुओं में से किसी एक को होती है।

चिकित्सकीय आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में साल 1993 तक कुल 84 बच्चे इस बीमारी से ग्रस्त पाए गए थे और अभी तक के आंकड़ों के अनुसार संसार में करीब 500 बच्चों को यह बीमारी हुई है।

जेपी हॉस्पिटल के शिशु हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि इंसान के हृदय में दाईं और बाईं तरफ दो चैम्बर होते हैं, जिनका आकार एक सामान होता है, लेकिन बिलाल के हृदय में दाईं तरफ के चैम्बर की मांसपेशियां बहुत ही कमजोर थी और इस कारण उसका आकार सामान्य से बहुत बड़ा हो गया था।

चैम्बर के बड़े हो जाने के कारण हृदय के बाईं तरफ वाले चैम्बर पर बहुत अधिक दबाव पड़ रहा था। इससे बच्चे के हृदय की कार्यप्रणाली सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही थी और नीला खून फेफड़ों तक नहीं पहुंच पा रहा था। बीमारी के कारण बच्चे के जीवन को बहुत अधिक खतरा था।

जेपी हॉस्पिटल के हृदय रोग विभाग के निदेशक डॉ. राजेश शर्मा के अनुसार इस बीमारी का इलाज फोंटेन प्रोसिड्यूर एंड राइट वेंट्रिकल एक्सक्लुसन फ्रॉम सर्कुलेशन पद्धति से किया गया।

इसके तहत बच्चे के शरीर के पूरे नीले खून को एक ट्यूब के द्वारा सीधे उसके फेफड़ों में पहुंचाया गया और उसके दाएं तरफ के चैम्बर को हटा दिया गया। इस सर्जरी में करीब 5 घंटे का समय लगा।

जेपी हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा ने बीमारी के होने के कारणों को बताया कि यह खतरनाक बीमारी प्रमुखत: दो कारणों से होती है। पहला कारण यह है कि यदि माता-पिता की शादी नजदीकी रक्त संबंधियों में होती है तो शिशु को यह बीमारी होने की संभावना रहती है और दूसरा कारण इंनवायरमेंटल फैक्टर प्रदूषित वातावरण हो सकता है।

पिछले महीने ही बिलाल की सर्जरी हुई है और हाल ही में उसे ठीक होने के बाद अस्पताल से पिछले हफ्ते छुट्टी मिली है।