Home Headlines राजनीतिक प्रस्ताव : भाजपा ने गरीबी से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया

राजनीतिक प्रस्ताव : भाजपा ने गरीबी से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया

0
राजनीतिक प्रस्ताव : भाजपा ने गरीबी से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया
Pandit Deendayal janmashatabdi Resolution passed in bjp national council meet at kozhikode
Pandit Deendayal janmashatabdi Resolution passed in bjp national council meet at kozhikode
Pandit Deendayal janmashatabdi Resolution passed in bjp national council meet at kozhikode

कोझिकोड। भारतीय जनता पार्टी ने सबको समान अवसर उपलब्ध कराने तथा गरीबी के अभिशाप से मुक्ति दिलाने के लिए काम करने का संकल्प लिया है। भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में रविवार को प्रस्तुत राजनीतिक प्रस्ताव में यह कहा गया है। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।

बैठक में वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने राजनीतिक प्रस्ताव को पेश किया। झारखंड क मुख्यमंत्री रघुवर दास, उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह, अर्जुन राम मेघवाल समेत कई नेताओं ने समर्थन किया जिसके बाद कुछ संशोधनों से साथ राजनीतिक प्रस्ताव को आम सहमति से पारित किया गया।

यह प्रस्ताव पूरी तरह से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी पर केंद्रित है। जिसमें पार्टी ने यह प्रतिबद्धता जताई है कि वह देश में गरीबों के कल्याण के लिये जितनी कल्यणकारी योजनाएं हैं उनको जमीन पर उतारने में तेजी लाएगी। महिलाओं को शिक्षा, सुरक्षा सम्मान, बराबरी तथा गरिमापूर्ण जीवन के लिये एक राजनैतिक विचार के रूप में सकारात्मकता का निर्माण किया जाएगा।

देश में सभी के लिए समान अवसर की उपलब्धता रहे तथा गरीबी के अभिशाप से इस देश को सदा के लिये मुक्ति दिलाने का काम किया जाएगा। पार्टी कार्यकर्ता दीन दयाल जी के विचारों को, विशेषकर गरीब कल्याण अंत्योदय के विचारों को समाज के सभी वर्गों तक ले जाने के लिए इस जन्मशताब्दी वर्ष में विशेष कार्य करेगी।

देश में समृद्ध समाज का निर्माण करने के लिए सरकार की नीतियों, योजनाओं एवं उपलब्धियों के लिए भी जनता के साथ संवादस्थापित किया जाएगा। सामाजिक जीवन में समाज के सभी वर्गों में ऊंच-नीच और भेदभाव के विषयों को समाप्त करके एकात्मभाव का पूरे देश में निर्माण किया जाएगा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि जन्मशताब्दी वर्ष को पार्टी बढ़ाने का जरिया मानकर आगे बढ़ना है। राष्ट्र के स्वावलंबन के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहकार्य को भी आगे बढ़ाया जायेगा। गरीब, वंचितजनों के कल्याण के लिये हर संभव कदम उठाया जाएगा।

परिषद द्वारा पारित प्रस्ताव में पार्टी ने संकल्प लेते हुए कहा है कि हम दीनदयाल उपाध्याय द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल कर एक विकसित एवं न्यायपूर्ण भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए मिलकर काम करेंगे। जहां सबसे गरीब व्यक्ति का भी ध्यान रखा जाएगा।

अपने राजनीतिक प्रस्ताव के जरिये पार्टी ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह पंडित दीन दयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के उद्देश्यों के अनुकूल ‘अंत्योदय’ के सिद्धांतों के अनुसार गरीबों के कल्याण हेतु पूर्ण मनोयोग से कार्य करें।

प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि पार्टी यह मानती है कि सर्वांगीण पुनर्रचना के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे पहले आर्थिक असमानता, भेदभाव, एवं विषमताओं को समाप्त करना उसका सबसे बड़ा लक्ष्य है।

“सबका साथ-सबका विकास” में विकास के साथ समानता, स्वतंत्रता एवं गरिमापूर्ण जीवन की भावना भी है, जिसके प्रति समर्पित भाव से लक्ष्य हासिल करने के लिये पार्टी इस वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प करती है।

प्रस्ताव में कांग्रेस के लंबे शासन काल का भी जिक्र करते हुए कहा गया है कि उपेक्षित एवं वंचित वर्गों को आधारभूत सुविधाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से नहीं मिला, जिसका परिणाम यह हुआ कि ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी का प्रभाव बढ़ गया तथा शहरी क्षेत्र में दलित, पिछड़ा एवं आर्थिक रूप से गरीब वर्गद मलिन बस्तियों में रहने को मजबूर है।

सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि देश में आधारभूत संरचना के प्रमुख मानक सामाजिक सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, आवास, पेयजल, स्वच्छता एवं शौचालय निर्माण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिये भाजपा की केंद्र एवं राज्य सरकारों ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं जो पार्टी के अंत्योदय की नीतियों को संकल्प के साथ लागू करने का परिणाम है।

राजनीतिक प्रस्ताव में कहा गया है कि सामाजिक न्याय के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये सभी वर्गों में साधन, व्यक्तिगत गतिविधि एवं सामाजिक विशेषाधिकारों के अवसरों का सम्मानपूर्ण बंटवारा होना चाहिए। पंडित दीनदयाल जी का विचार था कि देश में समाज के हर व्यक्ति के जीवन में समाज का साथ आत्मीयता का होना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया है कि देश के आर्थिक रूप से कमजोर, पिछड़े, किसान, दलित एवं जनजाति वर्ग को विकास से जोड़ने के लिए सरकार ने पहली बार जमीनी स्तर पर अपने अभिनव प्रयासों के द्वारा देश में लंबे समय से चले आ रहे अवरोधों को तोड़ा है।

https://www.sabguru.com/pandit-deendayal-upadhyay-birth-centenary-celebration-sikar/

https://www.sabguru.com/think-poor-pandit-deendayal-upadhyayas-birth-centenary-pm-modi/

https://www.sabguru.com/100th-birth-anniversary-of-pandit-deen-dayal-upadhyaya/