इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक से हुई पाकिस्तान यात्रा को कोर्ट में चुनौती दी गई है। बताया जा रहा है कि लाहौर उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, जिसे सुनवाई के लिए मान्य कर लिया गया। याचिका में संघीय सरकार के साथ नागरिक उड्डयन एवं हवाईअड्डा सुरक्षा बल को पक्षकार बनाया गया है।
इसे लेकर मुनीर अहमद नामक याचिकाकर्ता का भारत के प्रधानमंत्री की इस अचानक के पाकिस्तान दौरे को लेकर कहा गया जा रहा है कि एक संप्रभू देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी दूसरे देश में बगैर आधिकारिक अनुमति के 120 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के अचानक से कैसे यात्रा कर सकते हैं।
यचिका कर्ता अहमद का यह भी आरोप है भारत के प्रधानमंत्री की इस यात्रा की जानकारी सोशल मीडिया से प्राप्त हुई, जिससे साफ होता है कि दोनों देशों के बीच किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया, जो कि प्रोटोकॉल के तहत सख्त रूप से आवश्यक था।
उल्लेखनीय है कि काबुल से नई दिल्ली लौटते वक्त शुक्रवार 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबको चौंकाते हुए अचानक लाहौर का दौरा किया था। पीएम मोदी की अगवानी के लिए खुद पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ लाहौर एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
जहां उन्होंने नवाज शरीफ को उनके जन्मदिन की बधाई दी वहीं प्रधानमंत्री मोदी शरीफ की नातिन की शादी में भी शरीक हुए थे। लाहौर से 40 किलोमीटर दूर शरीफ के पुश्तैनी घर में 90 मिनट तक ठहरने के दौरान दुल्हन को आशीर्वाद देने के बाद मोदी बाद में नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे।
बतादें कि पीएम मोदी की पाकिस्तान की यह पहली यात्रा होने के साथ 11 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की भी यह पहली पाकिस्तान यात्रा थी।