Home World Asia News भारत और आसियान आतंकवाद का मिलकर करें सामना : प्रधानमंत्री

भारत और आसियान आतंकवाद का मिलकर करें सामना : प्रधानमंत्री

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भारत और आसियान आतंकवाद का मिलकर करें सामना : प्रधानमंत्री
PM modi calls for india-china partnership to fight global terror
PM modi calls for india-china partnership to fight global terror
PM modi calls for india-china partnership to fight global terror

कुआलालंपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस और माली में हुए आतंकवादी हमलों के बाद शनिवार को आसियान देशों से आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि भारत शीघ्र ही सभी आसियान देशों को इलेक्ट्रानिक वीजा की सुविधा प्रदान करेगा। साथ ही प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीके से करने की जरूरत को भी रेखांकित किया है।

उल्लेखनीय है कि आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यामांर, फिलिपीन, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।

आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में प्रधानमंत्री ने कहा​,’  आतंकवाद एक बड़ी वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है जो हम सभी को प्रभावित कर रहा है।

हमारा आसियान के सदस्यों के साथ शानदार द्विपक्षीय सहयोग है और हमें यह देखना चाहिए कि हम अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि को मंजूर करने की दिशा में सहयोग प्रदान करने समेत क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सहयोग किस तरह से बढ़ा सकते हैं।

मोदी ने 10 सदस्यीय समूह के साथ समुद्री सुरक्षा, समुद्री डकैती निरोधक एवं मानवीय और प्राकृतिक आपदा राहत जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग के लिए विशिष्ठ योजना बनाने का भी सुझाव दिया है।

मोदी ने कहा कि तेजी से बदलता हमारा क्षेत्र अनिश्चय के समय से निकलकर एक शांतिपूर्ण और खुशहाल भविष्य की ओर जा रहा है। हम अपने क्षेत्र को एक शक्ल के रूप में परिभाषित करने के लिए आसियान के नेतृत्व की ओर देख रहे हैं।

दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय विवादों के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत वर्ष 1982 के संयुक्त राष्ट्र संधि पर समुद्री कानून समेत सभी स्वीकार्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप आसियान के साथ नौवहन, उड़ान भरने, निर्बाध वाणिज्य की स्वतंत्रता को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि दक्षिण चीन सागर के विवाद से जुड़े सभी पक्ष दक्षिण चीन सागर में पक्षों के आचार व्यवहार संबंधी घोषणा को लागू करने के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और सर्वानुमति के आधार पर जल्द से जल्द एक आचार संहिता को अपनाने के प्रयासों को दोगुणा करेंगे।

मोदी ने कहा कि क्षेत्रीय विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से ही सुलझाना चाहिए। उन्होंने संपर्क सुविधा को खुशहाली का साझा रास्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत,म्यामां,थाईलैंड त्रिपक्षीय हाईवे परियोजना की अच्छी प्रगति हो रही है और इसे वर्ष 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए।

मोदी ने कहा कि भारत शीघ्र ही सभी आसियान देशों को इलेक्ट्रानिक वीजा की सुविधा प्रदान करेगा। विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष को भारत-आसियान सहयोग और आर्थिक साझेदारी का प्रमुख स्तम्भ बताते हुए उन्होंने कहा कि हम आसियान भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास कोष को वर्तमान 10 लाख डॉलर से बढ़ाकर 50 लाख डॉलर करेंगे।

मोदी ने कहा कि भारत का इरादा एक आसियान-भारत नवोन्मेष प्लेटफार्म बनाना है जिससे की कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों के वाणिज्यीकरण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सहयोगात्मक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को सुगम बनाया जा सकेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत और आसियान के बीच भौतिक एवं डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़ी परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक अरब डालर की ऋण सुविधा उपलब्धता का प्रस्ताव करते हैं। उन्होंने कहा ​कि आर्थिक साझेदारी की क्षमताओं का अभी पूरा दोहन नहीं किया गया है और मुझे विश्वास है कि जैसे -जैसे हमारी अर्थव्यवस्थाएं बढ़ेंगी,हमारा व्यापार और निवेश बढ़ेगा।

मोदी ने कहा कि हम अपने दायरे में सहयोग की प्रगति से विश्वास प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि  जुलाई 2015 में सेवा एवं निवेश समझौतों के लागू हो जाना इस दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान-भारत वस्तुओं और सेवाओं सहित निवेशों के क्षेत्र में संतुलित एवं महत्वाकांक्षी क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक समझौते की वार्ताओं की प्रगति को लेकर आशान्वित है।