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माउण्ट आबू प्रकरण: थानेदार और पत्रकार का पुराना संबंध, पांच लाख बरामद

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माउण्ट आबू प्रकरण: थानेदार और पत्रकार का पुराना संबंध, पांच लाख बरामद
arrested journalist moinul haque and shivani in mount abu high profile matter
  1. arrested journalist moinul haque and shivani in mount abu high profile matter
    arrested journalist moinul haque and shivani in mount abu high profile matter

सबगुरु न्यूज-सिरोही माउण्ट आबू। माउण्ट आबू में थानेदार, पत्रकार, महिला और अन्य लोगों द्वारा बलात्कार का आरोप लगाने की धमकी देकर वहां होटल व्यावसायी से तीस लाख रुपये की वसूली करने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को जोधपुर से कुछ राशि की बरामदगी की है। जोधपुर में पत्रकार मोइनुल हक के घर से इस ब्लेकमेलिंग के माध्यम से वसूली गई राशि में से चार लाख तथा गिरफ्तार की गई महिला के घर से एक लाख रुपये की बरामदगी की है।

इस प्रकरण की जांच कर रहे पाली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयपालसिंह यादव ने बताया कि रिमाण्ड के दौरान मोइनुल हक और महिला शिवानी से पूछताछ की जा रही है। इसमें यह भी सामने आया है कि शिवानी मोइनुल हक के संपर्क में हाल ही के दिनों में आई है, जबकि माउण्ट आबू के पूर्व थानेदार रामचंद्रसिंह और जोधपुर में पत्रकारिता करने वाले आरोपी मोइनुल हक के बीच काफी सालों पुराना संपर्क है।

उन्होंने बताया कि यह लोग अभी तक राशि के बंटवारे के बारे में जो जानकारी दे रहे हैं, उस पर तब तक संदेहास्पद माना जा सकता है जब तक कि माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी और इस प्रकरण में आरोपी रामचंद्रसिंह को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है।
-पहले करते थे रैकी
एएसपी जयपालसिंह ने बताया कि इन लोगों ने माउण्ट आबू में इस घटना को अंजाम देने से पहले यहां पर रैकी की थी। रैकी में ऐसे लोगों को ध्यान में रखा था कि जो इनके द्वारा चाही गई मोटी रकम को ब्लैक मेल करने पर उगल सकता था। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में 25 जून को माउण्ट आबू के एक होटल व्यवसायी विकास अग्रवाल को शिवानी ने ट्रेप किया था।

शिवानी इस व्यवसायी को वहां के एक होटल के कमरे में लेकर गई थी। उसके पीछे-पीछे थानेदार रामचंद्रसिंह और जोधपुर के पत्रकार मोइनुल हक व अन्य की पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार इनके साथी पुलिस को लेकर घुस गए थे। वहां से महिला और व्यवसायी को पकड़ कर थाने ले आए थे।

थाने में लाकर तत्कालीन थानाधिकारी रामचन्द्रसिंह, शिवानी और इस गैंग के अन्य लोगों ने व्यवसायी पर बलात्कार करने की रिपोर्ट दर्ज करवाने की धमकी दी। ऐसा नहीं करने के लिए उससे मोटी रकम की मांग की। रामचंद्रसिंह ने व्यवसायी की गिरफ्तारी दिखाए बिना ही 25 की रात से लेकर 27 जून की शाम तक उसके अपनी देखरेख में रखा। इस दौरान शिवानी और उसके साथी इससे लाखों रुपये की मांग करते रहे।

27 जून की शाम को 30 लाख रुपये देने को राजी होने पर व्यवसायी को छोड़ा गया। इधर, अपना गला बचाने के लिए माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचंद्रसिंह ने शिवानी के नाम पर रोजनामचे में रिपोर्ट डालते हुए उसे जोधपुर से गुमशुदा बताते हुए नक्की झील से दस्तियाब करने और उसे परिजनों को बुलाकर उन्हें सौंपने की इबारत गढ़ दी थी।