Home Business असुविधा के दिन खत्म, आर्थिक गतिविधि हो रही बहाल : अरुण जेटली

असुविधा के दिन खत्म, आर्थिक गतिविधि हो रही बहाल : अरुण जेटली

0
असुविधा के दिन खत्म, आर्थिक गतिविधि हो रही बहाल : अरुण जेटली
post demonetisation, money has lost anonymity : Arun Jaitley
post demonetisation, money has lost anonymity : Arun Jaitley
post demonetisation, money has lost anonymity : Arun Jaitley

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि जीएसटी इस साल लागू हो जाएगा जिससे अप्रत्यक्ष कर का बेहतर प्रबंधन होगा। तब अधिक कुशल कानून से कर चोरी पर नजर रखी जा सकेगी।

उन्होंने नोटबंदी पर कहा कि तकलीफ और असुविधा की अवधि खत्म हो रही है और आर्थिक गतिविधि बहाल हो रही है। बैंकों के पास आज विकास संबंधित ऋण देने के लिए अधिक पैसा उपलब्ध है।

वित्तमंत्री ने रविवार को अपने फेसबुक पर एक लेख लिखकर उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) इस वर्ष लागू किया जाना लगभग तय है, जो कि एक बेहतर अप्रत्यक्ष कर प्रशासन उपलब्ध करवाएगा और कर चोरी जैसे मामलों की जांच करेगा।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार जीएसटी कानून को हर हाल में 1 अप्रैल 2017 को लागू करना चाहती है वहीं राज्यों से इसपर सहमति न बन पाने के चलते यह सितम्बर या उससे आगे टल सकता है।

वित्तमंत्री ने नोटबंदी के बाद देश की जनता को आ रही दिक्कतों पर कहा कि कष्टों और असुविधाओं का दौर खत्म हुआ है और अब आर्थिक गतिविधियां बहाल हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि 86 प्रतिशत मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया जो कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 12.2 प्रतिशत है और उसे नई करेंसी से बदला जाए, तो उस फैसले के बड़े प्रभाव होना स्वाभाविक है।

उन्होंने कहा कि बैंकों के आगे से अब कतारें समाप्त हो गई हैं और बैंकिंग प्रणाली में नकदी डालने का काम आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के लिए साहस और क्षमता दोनों की जरूरत है। इस फैसले के क्रियान्वयन से परेशानी होगी। इससे लघु अवधि में आलोचना और असुविधा होगी।

नोटबंदी की वजह से कारोबारी गतिविधियों में गिरावट का अर्थव्यवस्था पर क्षणिक असर होगा। कालेधन के मुद्दे पर वित्तमंत्री ने कहा कि कालेधन कानून के अंतर्गत अघोषित आय की घोषणा के लिए एक खिड़की खोली गई है जिसमें 60 फीसदी कर भुगतान के साथ-साथ 10 साल जेल का भी प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया था कि यह कदम शैडो इकोनॉमी और कालेधन के खिलाफ होगा।