Home Breaking ‘महिला सशक्तीकरण की पहली अलख 150 वर्ष पूर्व मेवाड़ ने जगाई’

‘महिला सशक्तीकरण की पहली अलख 150 वर्ष पूर्व मेवाड़ ने जगाई’

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‘महिला सशक्तीकरण की पहली अलख 150 वर्ष पूर्व मेवाड़ ने जगाई’

सबगुरु न्यूज उदयपुर। मेवाड़ राजघराने के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने कहा कि आज हम जहां बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं, उसकी शुरुआत मेवाड़ ने 150 वर्ष पूर्व 1864 में उदयपुर में एक बालिका विद्यालय खोल कर देश में जगाई थी। महिलाएं पुरुषों के समान नहीं उनसे आगे रहती हैं।


वे उदयपुर में यूसीसीआई के चेम्बर भवन में आयोजित रोटरी क्लब मेवाड़ के पदस्थापना समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होेंने कहा कि बालिका शिक्षा को लेकर मेवाड़ हमेशा से देश में अग्रणी रहा है। जिस महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं उसकी अलख देश में मेवाड़ ने ही जगाई थी।

समारोह की मुख्य वक्ता नीलिमा खेतान ने भी बालिका शिक्षा को देश के विकास के लिए जरूरी बताया।

पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने नव निर्वाचित अध्यक्ष डाॅ. अरविन्दरसिंह, सचिव अभय मलारा, संरक्षक हंसराज चैधरी, सहायक प्रान्तपाल कपूर सी.जैन, अनिल मेहता, अध्यक्ष निर्वाचित प्रेम मेनारिया, मुकेश गुर्रानी, संदीप सिंघटवाड़िया, एम.पी.छाबड़ा, मनीष गन्ना, राहुल हरण, सुरेश जैन, हिमांशु गुप्ता, प्रशांत सुहालका, पंकज भाणावत, चेतनप्रकाश जैन, योगेश पगारिया, सौरभ पालीवाल, बसंतगिरी गोस्वामी, आशीष हरकावत, दिन्मय चौधरी, मनीष कालिका, मुकेश चैधरी, डाॅ. लोकेश जैन, हितेष कोठारी, पवन कोठारी, डाॅ. अरुण बापना, फारूख कुरैशी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

इस अवसर पर सिंघवी ने कहा कि रोटरी सामुदायिक सेवा करते हुए लोगों के जीवन को बदलने का प्रयास करती है।
समारोह में क्लब अध्यक्ष डाॅ. अरविन्दरसिंह ने कहा कि जब मनुष्य से आशाएं बढ़ जाती हैं तो उस पर तनाव बढ़ जाता है। इसलिये हमेशा आशाओं का स्तर कम रखना चाहिये। यदि हम अपने स्वप्नों पर ध्यान केन्द्रित रखें तो मालूम चलेगा कि हमारे भीतर भी एक परिन्दा रहता है जो आसमान छूने की इच्छा रखता है।

समारोह को संरक्षक हंसराज चौधरी, सहायक प्रान्तपाल कपूर सी.जैन ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर बुलेटिन संपादक मुकेश चौधरी ने अतिथियों के हाथों बुलेटिन का विमोचन कराया। प्रारम्भ में निवर्तमान अध्यक्ष संदीप सिंघटवाड़िया ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन अनिल मेहता एवं डाॅॅ. लोकेश जैन ने किया। अंत में आभार अभय मालारा ने ज्ञापित किया।