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ओवल ऑफिस में रूसी फोटोग्राफर की मौजूदगी से अमरीका में बवाल

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ओवल ऑफिस में रूसी फोटोग्राफर की मौजूदगी से अमरीका में बवाल
presence of Russian photographer in Oval Office raises alarms
presence of Russian photographer in Oval Office raises alarms
presence of Russian photographer in Oval Office raises alarms

वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रूसी राजनयिकों के साथ बैठक के दौरान रूस की सरकारी समाचार एजेंसी के एक फोटोग्राफर को ओवल ऑफिस में जाने की अनुमति देने के फैसले को संभावित सुरक्षा उल्लंघन करार देते हुए कड़ी आलोचना की जा रही है।

वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व अमरीकी खुफिया अधिकारी ने रूसी फोटोग्राफर को ओवल ऑफिस में जाने की मंजूरी देने के फैसले के खतरे का उल्लेख करते हुए कहा कि हो सकता है कि उस दौरान कोई लिस्निंग डिवाइस या कोई अन्य निगरानी उपकरण ओवल ऑफिस में लाया गया हो।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास द्वारा ट्रंप की रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक की तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करने पर पूर्व खुफिया अधिकारी ने सवाल उठाए।

यह पूछे जाने पर कि रूसी फोटोग्राफर को ओवल ऑफिस में जाने देने का फैसला सोच-समझकर लिया गया होगा, केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के पूर्व उपनिदेशक डेविड एस.कोहेन ने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है।

वहीं, व्हाइट हाउस ने खतरे की गंभीरता को कमतर आकते हुए कहा कि व्हाइट हाउस ग्राउंड्स में दाखिल होने से पहले ही फोटोग्राफर तथा उसके उपकरण की सुरक्षा जांच की गई थी।

अन्य पूर्व खुफिया अधिकारियों ने भी रूसी फोटोग्राफर को ओवल ऑफिस में घुसने की मंजूरी को एक संभावित सुरक्षा चूक करार देते हुए उल्लेख किया कि व्हाइट हाउस के आगंतुकों की जो मानक जांच की जाती है, उसमें किसी अतिउन्नत जासूसी उपकरण का पता नहीं लगाया जा सकता है।

सरकारी अधिकारी ने भी कहा कि व्हाइट हाउस को रूसी फोटोग्राफर की भूमिका के बारे में गुमराह किया गया। रूसी अधिकारियों ने फोटोग्राफर का परिचय लावरोव के आधिकारिक फोटोग्राफर के रूप में दिया, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि वह तास के लिए भी काम करते हैं।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि रूसियों ने हमें इस बात की सूचना नहीं दी कि उनका फोटोग्राफर लावरोव का आधिकारिक फोटोग्राफर होने के साथ-साथ तास के लिए भी काम करता है और वह ली गई तस्वीरों को सरकारी समाचार एजेंसी के लिए जारी करेगा।

इस बीच, ट्रंप तथा अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ वार्ता के बाद रूसी दूतावास में लावरोव अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप को लेकर सवालों पर अपना गुस्सा नहीं छिपा पाए।

उन्होंने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मुझे इस तरह के सवालों का जवाब देना पड़ेगा, खासकर अमेरिका में, आपकी अति-विकसित लोकतांत्रिक प्रणाली में।

रिपोर्ट के मुताबिक लावरोव ने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी के ई-मेल की हैकिंग तथा रूस के बीच कोई कड़ी नहीं है और ट्रंप के साथ उनकी बैठक के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति के चुनाव प्रचार में रूस के हस्तक्षेप का मुद्दा नहीं उठा।

बैठक के बाद एक बयान में व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप ने सीरिया में संघर्ष खत्म करने के लिए साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया, खासकर उसने रूस से सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार तथा ईरान को रोकने का अनुरोध किया।

ट्रंप ने रूस से अपील की कि यूक्रेन में संघर्ष को रोकने के लिए वह साल 2014 में किए गए मिंस्क समझौते को लागू करे।