Home Breaking जस्टिस खेहर होंगे देश के 44वें चीफ जस्टिस, नियुक्ति पर राष्ट्रपति की मुहर

जस्टिस खेहर होंगे देश के 44वें चीफ जस्टिस, नियुक्ति पर राष्ट्रपति की मुहर

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जस्टिस खेहर होंगे देश के 44वें चीफ जस्टिस, नियुक्ति पर राष्ट्रपति की मुहर
president clears JS Khehar appointment as next chief justice of india
president clears JS Khehar appointment as next chief justice of india
president clears JS Khehar appointment as next chief justice of india

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भारत के अगले चीफ जस्टिस के रूप में जस्टिस जेएस खेहर की नियुक्ति पर सोमवार को मुहर लगा दी। वे वर्तमान चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के सेवानिवृत्त होने के बाद चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे।

जस्टिस ठाकुर तीन जनवरी को रिटायर हो रहे हैं और जस्टिस खेहर चार जनवरी को चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे। 28 अगस्त 1952 को जन्मे जस्टिस खेहर ने गवर्नमेंट कॉलेज चंडीगढ़ से 1974 में साइंस ग्रेजुएशन किया था।

1977 में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली और बाद में 1979 में एलएलएम पास किया। एलएलएम में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल हासिल किया था।

एलएलएम करने के बाद उन्होंने अपनी वकालत शुरू की। जस्टिस खेहर ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के अलावा सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की। जस्टिस खेहर को 1992 में पंजाब का एडिशनल एडवोकेट जनरल बनाया और उसके बाद केंद्रशासित प्रदेश चडीगढ़ का सीनियर स्टैंडिंग काउंसेल बनाया गया।

उन्होंने इस दौरान कई विश्वविद्यालयों और कंपनियों और औद्योगिक समूहों की तरफ से कोर्ट में पैरवी की। जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस वी रामास्वामी को हटाने की अर्जी पर विचार करने के लिए जजों की जांच कमेटी बनी थी तो उस कमेटी के समक्ष जस्टिस रामास्वामी का प्रतिनिधित्व जस्टिस खेहर ने ही किया था।

जस्टिस खेहर को आठ फरवरी 1999 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का जज नियुक्ति किया गया था। उन्हें दो बार पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का कार्यकारी चीफ जस्टिस बनाया गया था। बाद में 29 नवंबर 2009 को उत्तराखंड हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया था।

बाद में 8 अगस्त 2010 को उनका तबादला कर कर्नाटक हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया। जस्टिस खेहर सुप्रीम कोर्ट मे बड़े सख्त जज के तौर पर जाने जाते हैं। वे देश के पहले सिख चीफ जस्टिस और देश के 44वें चीफ जस्टिस होंगे।

जस्टिस खेहर की अध्यक्षता वाली कांस्टीट्यूशन बेंच ने ही सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को खारिज कर दिया था। केन्द्र सरकार ने 2014 में एनजेएसी एक्ट बनाया था।

यह एक्ट संविधान में संशोधन करके बनाया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनजेएसी बनाने वाले कानून से संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन होता है और 5 जजों की बेंच ने इसे खारिज कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति की प्रणाली 99वें संविधान संशोधन से पहले से ही संविधान में मौजूद रही है। जस्टिस खेहर का भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में 28 अगस्त, 2017 तक कार्यकाल रहेगा।

अभी हाल ही में सहारा और बिरला समूह पर छापों के बाद मिले दस्तावेजों की एसआईटी से जांच की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस खेहर ने याचिकाकर्ता वकील प्रशांत भूषण द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज को साक्ष्य मानने से इनकार कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि आप संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर आरोप लगा रहे हैं इसलिए साक्ष्य पुख्ता लेकर आइए। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट किसी के आगे झुकने वाली नहीं है।